कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते स्कूलों का समय आधा करने की मांग की

कोरोना के दूसरे दौर में पंजाब देश भर के पीड़ित राज्यों में से अगली कतार में है। इसके चलते स्कूलों में विद्यार्थियों के आने पर पाबंदी है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:54 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:54 PM (IST)
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते स्कूलों का समय आधा करने की मांग की
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते स्कूलों का समय आधा करने की मांग की

संवाद सूत्र, श्री चमकौर साहिब

कोरोना के दूसरे दौर में पंजाब देश भर के पीड़ित राज्यों में से अगली कतार में है। इसके चलते स्कूलों में विद्यार्थियों के आने पर पाबंदी है। ऐसे हआलातों में शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा स्कूलों में सौ फीसदी स्टाफ को पूरे छह घंटों के लिए बुलाना किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं है। गवर्नमेंट टीचर्ज यूनियन के पंजाब प्रधान सुखविदर सिंह चाहल, सीनियर उपप्रधान गुरबिदर ससकौर, महासचिव कुलदीप सिंह दौड़का और सीनियर नेता धरमिदर सिंह भंगू ने कहा कि पहले भी सरकार के साथ जबरन स्कूल खुलवाने के उपरांत कोरोना केस बढ़ने पर अध्यापकों और विद्यार्थियों को कोरोना का वाहक ऐलानते हुए इस पवित्र पेशे को समाज में बदनाम करने की भद्दी हरकत की थी। जब स्कूलों में कोई काम ही नहीं है तो सौ फीसदी स्टाफ को छह घंटों के लिए स्कूलों में बैठाना पूरी तरह गलत है। ज्यादातर स्कूल स्टाफ चंडीगढ़ या मोहाली से स्कूल आ रहा है। जिस कारण मौजूदा हालातों में उनके परिवारों तक बीमारी पहुंचने का अंदेशा है। अध्यापक नेताओं का कहना है कि जब अध्यापकों ने आनलाइन क्लासें ही लेनी हैं तो उनकी जान को जोखिम में न डाल कर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूलों का समय आधा किया जाए और रोस्टर तैयार करके रोजाना पचास फीसदी स्टाफ को ही स्कूल बुलाया जाए। मेधावी व जरूरतमंदों छात्रों को प्रदान की जाएगी हर संभव सहायता

दयानंद पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल नया नंगल की मैनेजिंग कमेटी ने बैठक कर फैसला लिया कि संस्कारों के अनुरूप शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के मद्देनजर प्रयासों में तेजी लाई जाएगी। कमेटी के प्रधान धमर्ेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद अन्य पदाधिकारियों सुरेंद्र गौतम, पंडित अमरनाथ शर्मा, दीवान चंद शर्मा, सुनील गुप्ता, नवीन चंद्र ने कहा कि स्कूल अपने कल्याणकारी कार्यक्रमों को भी जारी रखेगा। इसके अंतर्गत मेधावी जरूरतमंद छात्रों को हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल के संचालन का मकसद ही नई पीढ़ी को संस्कारों के अनुरूप गुणात्मक शिक्षा देना है, जिसके अंतर्गत बैठक कर कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्कूल में अनुभवी स्टाफ के माध्यम से बेहतर सेवाओं को जारी रखने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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