विदेश में बसे पंजाबियों के सहयोग से वतन लौटा दविंदर

रोजी-रोटी कमाने कुवैत गए युवक के पास इलाज के भी नहीं थे पैसे किडनी की बीमारी से जूझ रहा युवक पहलां इंसानियत संस्था करवाएगी इलाज फोटो आरपीआर-02-03

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 06:11 AM (IST)
विदेश में बसे पंजाबियों के सहयोग से वतन लौटा दविंदर
विदेश में बसे पंजाबियों के सहयोग से वतन लौटा दविंदर

जागरण संवाददाता, रूपनगर : कुवैत में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहा गांव कटली का दविदर सिंह अपनी सरजमीं पर पहुंच गया है। उसे विदेश में बसे पंजाबी भाईचारे, शहीद भगत सिंह क्लब कुवैत, कुवैत की एक स्टील कंपनी के मालिक सुरजीत और पहलां इंसानियत संस्था के सहयोग से भारत लाया गया है। दविदर सिंह रोजी-रोटी कमाने चार साल पहले कुवैत गया था। घर के कच्चे कोठे थे, इसी जनवरी में पक्का मकान बनवाकर गया था। छह माह बाद दविदर की शादी थी। कोरोना संकट के दौरान कोविड-19 का शिकार समझकर कुवैत में उसका इलाज शुरू हुआ था लेकिन हालात बिगड़ते गए। तीन से चार लाख रुपये कुवैत में अस्पताल का खर्च हो गया।

दविंदर के चचेरे भाई सिकंदर सिंह ने बताया कि अब दविदर सिंह को आनंदपुर साहिब के गुरु तेग बहादुर मल्टी स्पेशिलटी अस्पताल में रखा गया है। इसी साल 18 जनवरी को दविदर गांव आया था और 18 फरवरी को वापस चला गया। जाने के दस पंद्रह दिन बाद उसे ब्लड प्रेशर की समस्या आई और ब्लड प्रेशर 250 रहने लगा। एक हफ्ते दवा खाने के बाद हालात कुछ सुधरे। इतने में कुवैत में 12 मार्च के आसपास लॉकडाउन लग गया। फिर कंपनी ने काम बंद होने पर कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी। मई माह में दविदर ने कंपनी को वापस भेजने के लिए कहा और कंपनी ने उससे इस्तीफा ले लिया। स्वास्थ्य न सुधरने पर पहले प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाया। उसके बाद 15 जून को वो सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया।

बाक्स

पहले सरबत दा भला संस्था आई थी आगे, डॉ.चीमा ने लिखा था पत्र दविदर सिंह को कुवैत से सकुशल वापस लाने का सबसे पहले एलान सरबत दा भला ट्रस्ट के मैनेजिग ट्रस्टी डॉ.एसपीएस ओबराय ने किया था। डॉ.ओबराय ने कटली में आकर दविदर सिंह के परिवार से मुलाकात कर दविंदर को को फ्लाइट्स खुलते ही भारत लाने का वादा किया था। दूसरी तरफ, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा ने भी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को पत्र लिखकर नौजवान को भारत वापस लाने के लिए निजी तौर पर अपील की थी।

बाक्स

पंजाबियों ने संभाला दविदर को, लाखों रुपये किए खर्च

कुवैत में रहने वाले पंजाबियों ने भी दविदर की तिमारदारी कर अपना फर्ज निभाया। अस्पताल का खर्च करीब 2500 कुवैती दीनार (5 लाख 97 हजार 500 रुपये) अदा किए। फिर विशेष फ्लाइट के लिए 1500 कुवैती दीनार (3 लाख 58 हजार 500) समाजसेवियों ने इकट्ठे कर दिए। दविदर को एयरपोर्ट से सीधे आनंदपुर साहिब के गुरु तेग बहादुर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां उसका कोरोना टेस्ट होने के बाद डायलिसिस जोकि आज सुबह होना था, किया गया। इंसानियत पहलां संस्था ने दविदर सिंह का इलाज करवाने का बीड़ा उठाया है।

बाक्स

हमारी संस्था करवाएगी इलाज: जगदीप कौर

पहलां इंसानियत की प्रतिनिधि जगदीप कौर ने कहा कि संस्था दविदर सिंह का इलाज करवाएगी। फिलहाल कोरोना टेस्ट हुआ है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद दविदर सिंह का इलाज किसी बड़े अस्पताल में करवाया जाएगा। संस्था के प्रधान अजयवीर सिंह लालपुरा दविदर सिंह की तिमारदारी के लिए तैयार हैं। मां बाप ने बेटे की झलक देख श्री केसगढ़ साहिब में टेका माथा

दविदर सिंह की एक झलक देखने के लिए मां गुरदेव कौर और पिता सुच्चा सिंह व्याकुल थे। उनकी व्याकुलता आज खत्म हो गई। उन्हें दविदर सिंह का चेहरा दूर से दिखाया गया। उसके बाद मां गुरदेव कौर और सुच्चा सिंह ने तख्त श्री केसगढ़ साहिब जाकर अपने बेटे के जल्द तंदुरुस्त होने की अरदास की और सरबत के भले की कामना की। सुच्चा सिंह ने कहा कि वो उन सब लोगों के ऋणि हैं जिन्होंने उनके बेटे को वतन लौटने के लिए मदद की और उनका विशेष रूप से धन्यवादी भी हैं जिन्होंने उनके बेटे को तीमारदारी में योगदान दिया।

chat bot
आपका साथी