बजट में 2.60 करोड़ जुटाने का तय किया था लक्ष्य, जमा हुए सिर्फ एक करोड़

नगर कौंसिल की आर्थिक हालत इन दिनों बेहतर नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:25 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:25 AM (IST)
बजट में 2.60 करोड़ जुटाने का तय किया था लक्ष्य, जमा हुए सिर्फ एक करोड़
बजट में 2.60 करोड़ जुटाने का तय किया था लक्ष्य, जमा हुए सिर्फ एक करोड़

जागरण संवाददाता, रूपनगर: नगर कौंसिल की आर्थिक हालत इन दिनों बेहतर नहीं है। प्रापर्टी टैक्स के बकाया की तरह शहरवासियों पर पानी और सीवरेज के बिलों का भी करीब एक करोड़ 60 लाख बकाया खड़ा है। आने वाले दिनों में जहां नगर कौंसिल प्रबंधन प्रापर्टी टैक्स अदा न करने वाले उपभोक्ताओं को नोटिस देने की तैयारी में है, वहीं अगर लोगों ने अदायगी में और देरी की, तो कौंसिल पेयजल सप्लाई और सीवरेज के बिल अदा न करने वालों को भी नोटिस जारी कर सकती है। कौंसिल पानी व सीवरेज के बिल की अदायगी करवाने में अब तक फिसड्डी साबित हो रही है। बेशक ये लोगों के लिए जरूरी सेवाएं हैं , लेकिन शहर में कई जगह पेयजल सप्लाई आज भी बेहतर नहीं है। नई सप्लाई लाइन के साथ जुड़ी कालोनियों में दो दिन बाद पानी की सप्लाई होती है। नगर कौंसिल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के नगर कौंसिल के बजट में पेयजल और सीवरेज के बिलों से नगर कौंसिल को 2.60 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन फरवरी माह के मध्य तक सिर्फ एक करोड़ रुपये की राशि ही बिलों की अदायगी के रूप में जमा हो पाई है। अभी भी 1.60 करोड़ का बकाया लोगों की तरफ खड़ा है। 31 मार्च तक डेढ़ माह में ये लक्ष्य मुकम्मल नहीं हो पाएगा। नगर कौंसिल के रिकार्ड के मुताबिक रूपनगर शहर में पानी के 7946 व सीवरेज के 8092 कनेक्शन हैं। इनमें घरेलू और कमर्शियल दोनों शामिल हैं। पानी व सीवरेज का तीन माह बाद बिल इकट्ठा जारी होता है। घरेलू कनेक्शन का 630 रुपये और कमर्शियल का 1260 रुपये होता है। लोग बिल जमा करवाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। नगर कौंसिल नियमित बिलों का वितरण तो करती है, लेकिन इनकी अदायगी नियमित नहीं हो पाती। स्थिति ये है कि नगर कौंसिल साल में एक आध बार बिल जमा करवाने वाले लोगों के कनेक्शन काटने के लिए चेतावनी देती है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। लोग पीने के पानी और सीवरेज के बिलों की अदायगी समय पर करें। जब लोग बिल जमा नहीं करवाते हैं, तो बकाया ज्यादा खड़ा हो जाता है और अदायगी करना मुश्किल हो जाता है। लोग कौंसिल को सख्त एक्शन के लिए मजबूर न करें। इसलिए सभी समय पर बिल भरें।

भजन चंद, ईओ, नगर कौंसिल।

chat bot
आपका साथी