प्री-प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों को मिलेंगे रेगुलर शिक्षक

पंजाब की प्री-प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को रेगुलर शिक्षक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 03:04 PM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 10:34 PM (IST)
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों को मिलेंगे रेगुलर शिक्षक
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों को मिलेंगे रेगुलर शिक्षक

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: पंजाब की प्री-प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को रेगुलर शिक्षक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने 8389 शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला किया है।

पंजाब सरकार के फैसले के बाद रूपनगर जिले के अंदर विभिन्न स्कूलों में पिछले लंबे समय से बच्चों को पढ़ाते आ रहे निराश शिक्षा कर्मियों, ईजीएस, एसटीआर व एआईई वालंटियरों को रेगुलर होने की मिली उम्मीद के साथ बड़ी राहत मिली है। रूपनगर जिले के अंदर वर्तमान में अगर बात करें तो कुल 307 शिक्षा कर्मियों, ईजीएस, एसटीआर व एआईई वालंटियरों विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं । इसके अलावा 550 प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी की कक्षाएं हैं। हर कक्षा में 15 से 30 बच्चे दाखिल हैं। इस बारे जिला शिक्षाधिकारी प्राइमरी शिक्षा चरणजीत सिंह सोढी ने कहा कि कैबिनेट ने पद भरने की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन फिलहाल इस संबंधी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। रेगुलर भर्ती तो अब निश्चित रूप से होनी है । यह भर्ती आरटीई के नियम अनुसार प्रति 30 बच्चों पर एक शिक्षक के अनुपात के अनुसार होगी। अगर ऐसा होता है तो जिले में विभिन्न स्कूलों में कार्यरत सभी 307 शिक्षा कर्मी रेगुलर हो सकते हैं। वहीं इस बारे में शिक्षा वालंटियरों में मनिदर कौर ने कहा कि बताया कि वह लंबे समय से बतौर वालंटियर ड्यूटी करती आ रही है । उसने बीएड कर रखी है । अब पंजाब सरकार ने प्री-प्राइमरी के लिए शिक्षकों की रेगुलर पोस्टें निकालते हुए भविष्य संवरने की उम्मीद जगा दी है। सरकारी स्कूल में बतौर वालंटियर टीचर मनिदर सिंह ने कहा कि प्री प्राइमरी शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों व उनके अभिभावकों को तो बड़ा लाभ मिलने लगा था, लेकिन उन जैसे हजारों वालंटियर रेगुलर न होने के कारण अपने भविष्य को लेकर चितित थे। अब पंजाब सरकार ने पोस्टें निकालने के साथ अनेकों छूट देते हुए बड़ी राहत प्रदान की है। ईजीएस वालंटियर मोहित शर्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से विभिन्न सरकारी स्कूलों में लंबे समय से पढ़ाते आ रहे शिक्षा कर्मियों का भाग्य उदय हो गया है ।

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