लापरवाही की तेज रफ्तार से रुकी 180 लोगों की जिंदगी की गाड़ी

सड़क हादसे की सबसे बड़ी वजह लापरवाही है। चाहे ये लापरवाही सड़क पर चलने वालों की तेज रफ्तारी की वजह से हो या फिर सड़कों पर दिशा सूचक और जरूरी जेब्रा क्रासिग और वाइटलाइनिग न होने की वजह से हो।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 01:04 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:04 AM (IST)
लापरवाही की तेज रफ्तार से रुकी 180 लोगों की जिंदगी की गाड़ी
लापरवाही की तेज रफ्तार से रुकी 180 लोगों की जिंदगी की गाड़ी

जागरण संवाददाता, रूपनगर : सड़क हादसे की सबसे बड़ी वजह लापरवाही है। चाहे ये लापरवाही सड़क पर चलने वालों की तेज रफ्तारी की वजह से हो या फिर सड़कों पर दिशा सूचक और जरूरी जेब्रा क्रासिग और वाइटलाइनिग न होने की वजह से हो। ये लापरवाही चाहे हम करें या सामने वाल, नुकसान बड़ा होता है। हम सब कुछ जानकर भी सड़क पर चलते हुए लापरवाही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन आम करते हैं। हरेक साल धुंध के सीजन में ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी जागरुकता कार्यक्रम करवाए जाते हैं और टैंपू चालकों, ट्रक और टैक्सी चालकों को रिफ्लेक्टर इस्तेमाल करने समेत ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाया जाता है। पर इसका असर नाममात्र ही है। और तो और धुंध के दिनों में भी भारी मालक वाहक और आम चार पहिया चालक गंभीरता नहीं दिखाए। रेत बजरी ढोने वाले टिप्परों पर रिफ्लेक्टर तो दूर नंबर प्लेट तक रेत मिट्टी की वजह से नहीं दिखाई देती। हाईवे पर खड़े ट्रक भी हादसों की वजह

रूपनगर शहर में से गुजरते कीरतपुर साहिब और कुराली नेशनल हाइवे पर हालात खराब हैं। सबसे ज्यादा भयंकर हालत शहर के बीच पुलिस लाइन से लेकर निरंकारी भवन तक है। इसी बीच कई जगह ट्रकों की रिपेयर करने वाली दुकानें हैं और ढाबे हैं। इसी के चलते ट्रक चालक अपने ट्रक नेशनल हाइवे पर खड़ा करने में अपनी शान समझते हैं। इससे भी गंभीर स्थिति है हाइवे से साहिबजादा अजीत सिंह अकादमी वाले मोड़ पर जहां भारी वाहन इस तरह मोड़ते हैं कि हर समय हादसे का खतरा बना रहता है।

कस्बों में भी है स्थिति खराब

कीरतपुर साहिब से लेकर देवभूमि हिमाचल को जाने वाले नेशनल हाइवे पर भी दर्जनों ढाबे हैं और वाहन सड़क पर भी खड़े किए जाते हैं। इसी तरह रूपनगर-मोरिडा प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत मार्ग की हालत इतनी खस्ता होने के बावजूद भारी वाहन गुजरना बंद नहीं हुए हैं। ढाबों के बाहर सड़क किनारे भारी वाहन खड़े होते हैं। शाम के समय हालात ज्यादा खराब होते हैं। तीन साल में 180 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं जिले में

तीन साल में जिले में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हादसों की वजह से हो चुकी है। इसमें दस फीसद हादसे वो हैं जो धुंध की वजह से होते हैं। ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि रूपनगर जिले में तेज रफ्तारी और लापरवाही दोनों ही हादसों की प्रमख वजह है। वाहनों की स्पीड बेतहाशा है और नेशनल हाइवे पर लोग वाहनों खूब दौड़ाते हैं।

चार साल पहले के हादसों पर नजर

साल 2016 और 2017 में रिकार्ड हादसे हुए थे। साल 2016 में जिले में सड़क हादसे जिनमें मौतें हुईं, वो 159 मामलों में एफआइआर दर्ज हुई थी। जबकि साल 2017 में ऐसे मामले 150 थे, जिनमें लोगों की मौतें हुईं थी। अन्य सड़क हादसे जिनमें लोगों गंभीर घायल होने या घायल होने के मामले भी कम नहीं थे। साल 2016 में 104 और 2017 में 73 मामले हादसों के हुए थे। जिनमें एफआइआर दर्ज हुई थी।अजय

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