सचिव ने मार्च के लिए बुलाया तो प्रधान ने किया इन्कार

पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी की नान टीचिग कर्मचारी एसोसिएशन दोफाड़ होती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:35 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:35 PM (IST)
सचिव ने मार्च के लिए बुलाया तो प्रधान ने किया इन्कार
सचिव ने मार्च के लिए बुलाया तो प्रधान ने किया इन्कार

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी की नान टीचिग कर्मचारी एसोसिएशन दोफाड़ होती जा रही है। प्रधान और सचिव में आपसी तालेमल नहीं बैठ रहा। सचिव जगतार सिंह ने सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल कर नान टीचिग कर्मचारियों को ज्वाइंट एक्शन कमेटी के धरने में शामिल होने की अपील की। मंगलवार सुबह प्रधान राजिदर राजू ने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। उन्होंने कहा कि रोष मार्च में शामिल होने की अपील एसोसिएशन ने नहीं की है। प्रधान व सचिव दोनों के अलग-अलग बयान को लेकर कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है।

सचिव ने कहा कि वित्तीय संकट खत्म करना है तो रोष मार्च में शामिल हो

एसोसिएशन के सचिव जगतार सिंह ने एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी रोष मार्च निकालने जा रही है। वित्तीय संकट को खत्म करने व सरकार से विशेष ग्रांट प्राप्त करने के लिए यह मार्च निकाला जा रहा है, ताकि सरकार पर दबाव डाला जा सके। इसके चलते कर्मचारियों को ज्वाइंट एक्शन कमेटी के रोष मार्च में शामिल होना चाहिए। सचिव के इस मैसेज के बाद मंगलवार को रोष मार्च में काफी संख्या में नान टीचिग कर्मचारी शामिल रहे।

रोष मार्च में शामिल होने की अपील एसोसिएशन की ओर से नहीं

एसोसिएशन के प्रधान राजिदर राजू ने सचिव जगतार सिंह का मैसेज देख मंगलवार सुबह अपना वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया। राजू ने कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी के रोष मार्च में शामिल होने की अपील एसोसिएशन द्वारा नहीं की गई। अगर कोई कर्मचारी शामिल होना चाहता है, वे अपनी मनमर्जी से शामिल हो सकता है। प्रधान की वायल वीडिओ की दिनभर यूनिवर्सिटी में चर्चा होती रही।

प्रधान से खफा एसोसिएशन के तीन मुख्य सदस्य दे चुके हैं इस्तीफा

जानकारी अनुसार प्रधान व एसोसिएशन सदस्यों के बीच तालमेल न होने के चलते उपप्रधान पाला राम, महासचिव मनोज भांबरी और मेंबर जसवीर सिंह कोहली अपने-अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। अब प्रधान व सचिव के बीच विवाद शुरू हो चुका है। इसका खमियाजा प्रधान को अगले होने वाले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।

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