मालगाड़ियां बंद होने से यूरिया व डीएपी खाद का संकट

पटियाला मालगाड़ियां बंद होने के बाद राज्य में यूरिया व डीएपी खाद का स्टाक कम होने के चलते खेतीबाड़ी विभाग चितित है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:57 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 11:30 AM (IST)
मालगाड़ियां बंद होने से यूरिया व डीएपी खाद का संकट
मालगाड़ियां बंद होने से यूरिया व डीएपी खाद का संकट

जागरण संवाददाता, पटियाला : मालगाड़ियां बंद होने के बाद राज्य में यूरिया व डीएपी खाद का स्टाक कम होने के चलते खेतीबाड़ी विभाग चितित है। अगले समय में गेहूं की फसल की बिजाई के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न उठानी पड़े, उसके चलते खेतीबाड़ी विभाग ने राज्य सरकार को यूरिया व डीएपी की खाद के स्टाक संबंधी पत्र लिखा है। खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि अगर अगले समय में समस्या इसी तरह चलती रही तो किसानों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि दूसरी ओर किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने प्रबंध नहीं किए तो वे खुद दूसरे जिला में जाकर यूरिया व डीएपी खाद का इंतजाम कर लेंगे। यूरिया 25 हजार व डीएपी खाद 12 हजार मीट्रिक टन का स्टाक

सीएम सिटी के खेतीबाड़ी विभाग के पास मौजूदा समय में यूरिया 25 हजार मीट्रिक टन व डीएपी खाद 12 हजार मीट्रिक टन का स्टाक ही रह गया है। खेतीबाड़ी अफसर सुरजीत सिंह वालिया ने कहा कि यूरिया व डीएपी खाद की जरूरत नवंबर माह के अंत में किसानों को होगी। समय पर न मिलने के चलते किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। अगली कार्रवाई सरकार की ओर से ही होनी है। किसान खुद दूसरे राज्यों से यूरिया व डीएपी लेकर आएंगे

भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी से सतवंत सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने यूरिया व डीएपी खाद का प्रबंध नहीं किया, तो किसान खुद दूसरे राज्यों तक पहुंच कर इंतजाम कर लेंगे। सतवंत सिंह ने कहा कि किसानों ने रेलवे ट्रैक पर धरना नहीं दिया जा रहा। पर केंद्र सरकार किसानों के संघर्ष को खत्म करने के लिए राजनीतिक खेल, खेल रही है। पर जब तक केंद्र अपने फैसले को रद नहीं करती, तब तक किसान जत्थेबंदियों का धरना जारी रहेगा।

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