यूनिवर्सिटी के गले की हड्डी बने कांस्टीट्यूट कालेज, नेबरहूड कैंपस व रिजनल सेंटर

पंजाबी यूनिवर्सिटी से संबंधित कांस्टीट्यूट कालेज नेबरहूड कैंपस और रिजनल सेंटर यूनिवर्सिटी के गले की हड्डी बने हुए हैं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 05:00 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 05:00 AM (IST)
यूनिवर्सिटी के गले की हड्डी बने कांस्टीट्यूट कालेज, नेबरहूड कैंपस व रिजनल सेंटर
यूनिवर्सिटी के गले की हड्डी बने कांस्टीट्यूट कालेज, नेबरहूड कैंपस व रिजनल सेंटर

जासं, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी से संबंधित कांस्टीट्यूट कालेज, नेबरहूड कैंपस और रिजनल सेंटर यूनिवर्सिटी के गले की हड्डी बने हुए हैं। इनमें स्टाफ ज्यादा तो स्टूडेंट्स की संख्या कम है। इनकी आमदनी कम है तो महीने का खर्च ज्यादा। रामपुरा फूल व बठिडा कालेज का महीने का बजट करीब तीन करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। जबकि आय खर्च से बहुत कम है, जो लगातार यूनिवर्सिटी का वित्तीय बोझ बढ़ाता जा रहा है। वित्तीय संकट के चलते अब सरकार ने यूनिवर्सिटी अधिकारियों से इनका ब्योरा मांगा है। इसी के साथ एक्टिग वीसी रवनीत कौर ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से एडमिशन में वृद्धि को लेकर क्या प्लानिग की है, के बारे में जानकारी मांगी है। कालेजों को खुद मुख्तारी का दर्जा देने की तैयारी में सरकार

जानकारी अनुसार राज्य सरकार अब यूनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों को खुद मुखतारी का दर्जा देने की तैयार कर रही है। जिसके चलते पंजाबी यूनिवर्सिटी से कालेजों का ब्योरा मांगा है। सरकार के इस फैसले से यूनिवर्सिटी का वित्तीय बोझ काफी कम होगा। क्योंकि कालेजों में एडमिशन की संख्या कम होती जा रही है तो स्टाफ की संख्या ज्यादा। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन कम हो रही है, जिसके चलते वीसी ने एक मीटिग में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से एडमिशन संबंधी प्लानिग के बारे में पूछा है। दफ्तरी स्टाफ बदलने की तैयारी में वीसी

सूत्रों अनुसार एक्टिग वीसी रवनीत कौर को अपने दफ्तरी स्टाफ का काम पसंद नहीं आ रहा, जिसके चलते अब दफ्तर के स्टाफ में बदलाव होने की संभावना पैदा हो चुकी है। जानकारों के अनुसार वीसी ने बुधवार को यूनिवर्सिटी के तीन अधिकारी नीरज खन्ना डीन रिसर्च, मीना गर्ग व राम सरूप सैणी के साथ बैठक की। सूत्र बताते हैं कि इनमें से एक अधिकारी को वीसी के पीए पद पर नियुक्त किया जाना है। फिलहाल इस पद पर अमरजीत सिंह नाम का अधिकारी कार्यरत है। तीन सदस्यीय कमेटी की गठित

डीन रिसर्च डा.जीएस बत्रा ने बताया कि कालेजों का ब्योरा तो मांगा गया है पर इस मामले पर सरकार की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी व पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी को शामिल किया गया है। कालेजों को खुद मुखतारी के दर्जा देना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उनकी आय काफी कम है। इस मामले पर मीटिग होनी है, जिसके बाद अगली कार्रवाई होगी।

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