पातड़ां में आधे उम्मीदवार आजाद लड़ रहे चुनाव

नगर कौंसिल का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लिए इस बार काफी मशक्कत वाला होने वाला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 11:55 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 11:55 PM (IST)
पातड़ां में आधे उम्मीदवार आजाद लड़ रहे चुनाव
पातड़ां में आधे उम्मीदवार आजाद लड़ रहे चुनाव

जागरण संवाददाता, पटियाला : नगर कौंसिल का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लिए इस बार काफी मशक्कत वाला होने वाला है। हाल ये है कि इस बार उम्मीदवारों ने दोनों पार्टियों के अलावा आजाद चुनाव लड़ने को तरजीह अधिक है। बात की जाए पातड़ां में होने वाले 17 सीटों के लिए नगर कौंसिल चुनाव की तो इस बार वहां पर 109 उम्मीदवारों में से आधे यानी 54 उम्मीदवार आजाद हैं। वहीं, आप के 17, कांग्रेस के 17 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि शिअद के वहां पर केवल आठ व भाजपा के 11 उम्मीदवार ही चुनाव लड़ने के लिए सामने आए हैं। इनमें से तीसरा हिस्सा उम्मीदवार पार्टियों से जुड़े हुए हैं। लेकिन वे इस बार खुद को सामने नहीं लाना चाह रहे हैं।

इसका मुख्य कारण मौजूदा समय में चल रहे किसान आंदोलन माना जा रहा है कि उक्त दोनों ही पार्टियों को उम्मीदवार ढूंढ़ने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। क्योंकि हाल ही में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा है और लोग उक्त दोनों से ही खफा हैं। भाजपा नेताओं के घर के बाहर तो किसानों ने धरना लगा रखा है और शिरेमणि अकाली दल के भी लोग खिलाफत कर रहे हैं।

पातड़ांवासी कुलविदर सिंह ने कहा कि जब उक्त कानून बनाने के लिए बिल बन रहा था तो पास करने से पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विरोध क्यों नहीं किया, जबकि बाद में केवल वोट की राजनीति करने के लिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन तोड़ लिया है। इसी तरह ही गांव बुरड़वासी महिला कमलेश कौर ने भी गुस्सा जताते हुए कहा कि इस बार वे किसी को भी वोट नहीं डालने जाएंगी क्योंकि वे इस बार पार्टियों को सबक सिखाना चाहती हैं। एक गांव के सरपंच मनजीत सिंह ने कहा कि यही कारण है कि पातड़ां में इस बार अकाली दल व भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है, कि लोग उनको वोट नहीं देंगे। हाल के चुनावों में उम्मीदवारों ने पार्टी के निशान के बजाय आजाद खड़ा होने को अच्छा समझा है।

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