गांवों के स्कूलों में परीक्षा के पश्नपत्र आनलाइन भेजने का सिस्टम सुचारू नहीं
ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में सितंबर महीने की परीक्षा के प्रश्नपत्र आनलाइन भेजने का सिस्टम सुचारू रूप से लागू ना होने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में सितंबर महीने की परीक्षा के प्रश्नपत्र आनलाइन भेजने का सिस्टम सुचारू रूप से लागू ना होने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रूरल इलाकों में जहां प्रिटिग की सुविधा की कमी है वहीं इंटरनेट कनेक्शन में भी दिक्कतें पेश आती रहती हैं। इस कारण अध्यापकों को दूर शहर में जाकर पेपर प्रिट करवाना पड़ता है और विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए दिया जाता है। इससे कई बार परीक्षा भी देर से शुरू होती है।
डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट (डीटीएफ) के जिला प्रधान अतिदरपाल ने बताया कि रोज पेपर आनलाइन आते हैं जो कई जगह स्कूल में इंटरनेट नेटवर्क सही ढंग से ना चलने के कारण दो-दो बार कंप्यूटर कैफे पर जाकर डाउनलोड करवाकर फोटोस्टेट करवानी पड़ती है। इससे अध्यापकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रश्न पत्र स्कूल स्तर पर ही तैयार किए जाने चाहिए, अगर विभाग को अपने स्तर पर इन प्रश्न पत्रों को तैयार करके भेजना भी है तो एक बार ही सभी प्रश्न पत्रों की साफ्ट कापी स्कूल को ईमेल की जाए ताकि बार-बार चक्कर लगाने से बचा जा सके। शिक्षा विभाग की तरफ से ली जा रही परीक्षाओं में सही प्रबंध न होने के कारण विद्यार्थियों व अध्यापकों के परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या का होगा हल : डीईओ
जिला शिक्षा अफसर हरिदर कौर ने कहा कि पारदर्शिता को बढ़ाने और पेपर लीक होने जैसी घटनाओं पर नकेल कसने के लिए विभाग ने परीक्षा के ही दिन प्रश्न पत्र भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में कंप्यूटर लैब्स हैं अगर फिर भी इंटरनेट को लेकर कहीं कोई दिक्कत है तो उसे जल्द हल करवाया जाएगा।