पंजाब में पराली जलाने के मामले 10 हजार के पार, दूषित हुई हवा, केस दर्ज करने पर भड़के किसान

पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य में इस सीजन में पराली जलाने के केस 10 हजार का आंकड़ा छू चुके हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 4085 था। वहीं बस्सी पठाना में पराली जलाने के 16 केस दर्ज किए जाने के बाद किसान भड़क उठे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 10:09 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 10:09 AM (IST)
पंजाब में पराली जलाने के मामले 10 हजार के पार, दूषित हुई हवा, केस दर्ज करने पर भड़के किसान
खेतों में पराली जलाता किसान। फाइल फोटो

जेएनएन, पटियाला। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला थम नहीं रहा। राज्य में पराली जलाने के मामलों का आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंच गया। 22 जुलाई तक पराली जलाने के 10,775 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 4,085 था।

पराली जलाने के बढ़ रहे मामलों से हवा की गुणवत्ता में भी लगातार गिरावट आ रही है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) पहले अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में ही एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) की जांच करता था। इस साल पीपीसीबी ने 48 मैनुअल मशीनें स्थापित की हैं जिनमें से 24 गांवों में हवा की गुणवत्ता जांचने के लिए लगाई गई हैं।

पराली जलाने के सबसे अधिक 2326 मामले तरनतारन में सामने आए हैं। अमृतसर में 1730 और फिरोजपुर में 1257 मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री का गृह जिला 908 मामलों के साथ चौथे नंबर पर है। पठानकोट जिले में सबसे कम पांच मामले पराली जलाने के सामने आए हैं।

गांवों में खराब हुई हवा की गुणवत्ता

पीपीसीबी की ओर से स्थापित मैनुअल मशीनों के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

मैनुअल मशीनों से प्राप्त एक्यूआइ का आंकड़ा

जिला                           एक्यूआइ

गुरु की ढाब (फरीदकोट)  118

खरौड़ी (फतेहगढ़ साहिब) 110

पीर मोहम्मद (फाजिल्का) 118

फतेहपुर (पटियाला)         115

किला भरियां (संगरूर)      112

नौधारानी (संगरूर)          122

चंगल (संगरूर)               117

असपल खुर्द (बरनाला)    119

केस दर्ज होने पर किसान भड़के

बस्सी पठाना में पराली जलाने के 16 केस दर्ज किए जाने के बाद किसान भड़क उठे हैं। किसानों ने शुक्रवार को फतेहगढ़ साहिब रेलवे स्टेशन के पास सरेआम पराली जलाकर एसडीएम को चुनौती दी है। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के महासचिव सुरिंदर सिंह लुहारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने के आदेश दिए हैं, लेकिन सरकार ने आज तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया। बिना मुआवजा दिए केस दर्ज करना गलत है। एसडीएम के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर करेंगे। वहीं, बस्सी पठाना के एसडीएम जसप्रीत सिंह का कहना है कि सरकार के निर्देश पर टीम ने 16 चालान किए हैं। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

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