एसपी पलविंदर के लिए रेसलिग दिल है तो पुलिस की वर्दी धड़कन

रेसलिंग की दुनिया में बड़े-बड़े पहलवानों को मात देकर 50 से अधिक खिताब जीतने वाले छह फीट लंबे चौड़े एसपी पलविदर सिंह चीमा का दिल रेसलिग है तो वर्दी धड़कन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:12 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:12 AM (IST)
एसपी पलविंदर के लिए रेसलिग दिल है तो पुलिस की वर्दी धड़कन
एसपी पलविंदर के लिए रेसलिग दिल है तो पुलिस की वर्दी धड़कन

प्रेम वर्मा, पटियाला

रेसलिंग की दुनिया में बड़े-बड़े पहलवानों को मात देकर 50 से अधिक खिताब जीतने वाले छह फीट लंबे चौड़े एसपी पलविदर सिंह चीमा का दिल रेसलिग है तो वर्दी धड़कन। मां की गोद से उतरकर जैसे ही पैरों के बल चलना शुरू किया तो वह पिता के साथ सीधे अखाड़े में पहुंच गए थे। छोटी उम्र में ही अखाड़े में दांव-पेच सीखने शुरू कर दिए। बचपन में एक ही चाहत थी कि रेसलिग का बादशाह बनना है। साथ ही सपना था कि वह पुलिस की वर्दी पहनें।

11 नवंबर 1982 को द्रोणाचार्य अवार्डी पूर्व डीएसपी सुखचैन सिंह चीमा व हरजिदर कौर चीमा के परिवार में जन्म लेने वाले पलविदर सिंह चीमा ने साल 1996 में महज 14 साल की उम्र में हरियाणा के हिसार में हुई स्कूल नेशनल गेम्स में हिस्सा लेते हुए रेसलिंग में रजत पद जीता। इसके बाद तो वह एक के बाद एक खिताब व मेडल जीतते चले गए। साल 2011 में उन्हें पंजाब पुलिस की वर्दी मिली तो उनका सपना पूरा हो गया। पटियाला पुलिस में बतौर एसपी ट्रैफिक तैनात अर्जुन अवार्डी पलविदर सिंह चीमा ने कहा कि ये उनकी थर्ड जनरेशन है जो रेसलिग से जुड़ी हुई है। 1999 में उन्होंने जूनियर नेशनल रेसलिग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था और वह अब तक 50 से अधिक खिताब जीत चुके हैं। इसमें से दस गोल्ड मेडल पुलिस डिपार्टमेट के लिए जीते हैं। साल 2002 में पलविदर चीमा को अर्जुन अवार्ड मिला और 2011 में बतौर पंजाब पुलिस में भर्ती हुए। अब एसपी रैंक के अफसर भी बन चुके हैं लेकिन वह मंजिल से अधिक महत्व सफर को देते हैं। वह कहते हैं कि जब पहला गोल्ड हासिल किया तब भी पुलिस की वर्दी पहनने का सपना दिल में अलग से बसा हुआ था। मन में एक ही बात ठानी थी कि मंजिल की तरफ बढ़ना है तो सफर को जीना होगा और आज भी वह इसी सोच के साथ काम करते हैं। पलविदर चीमा कहते हैं कि पंजाब पुलिस की ड्यूटी चुनौतीपूर्ण ड्यूटी है, जिसके लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। युवाओं को अपना बेहतर खुद चुनने का हक

एसपी पलविदर सिंह चीमा के परिवार में एक बेटा व एक बेटी हैं। एसपी चीमा कहते हैं कि आज के युवा आधुनिक युग में जी रहे हैं, जिनकी सोच व डिमांड एडवांस है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि जिदगी में युवा अवस्था बेहद नाजुक दौर होता है, इस दौर में वह खेल व तंदुरुस्त जीवन की तरफ ही कदम बढ़ाएं। चीमा कहते हैं कि उनका बेटा रेसलिग में नाम कमाए ऐसा वह सोचते हैं और बेटे को गाइड भी करते हैं। अगला फैसला उसका खुद का होगा कि भविष्य में वह क्या बनना चाहता है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि नशे की दलदल से दूर रहते हुए बेहतर जीवन को प्राथमिकता दें क्योंकि उनके साथ परिवार ही नहीं समाज का भविष्य भी जुड़ा हुआ होता है।

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