जरूरतमंदों की सेवा करने से मिलता है दिल को सुकून

दफ्तर में आने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो इसलिए स्टाफ के लिए एक मिसाल पेश करते हुए आरटीए परमजीत सिंह अजनोहा खुद सबसे पहले आफिस आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:17 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:17 AM (IST)
जरूरतमंदों की सेवा करने से मिलता है दिल को सुकून
जरूरतमंदों की सेवा करने से मिलता है दिल को सुकून

बलविदरपाल सिह, पटियाला

दफ्तर में आने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो इसलिए स्टाफ के लिए एक मिसाल पेश करते हुए आरटीए परमजीत सिंह अजनोहा खुद सबसे पहले आफिस आते हैं। अजनोहा शाम पांच बजे तक अपनी सीट पर बैठकर लोगों से मिलते हैं। उनकी समस्या दूर करते हैं। उनकी इसी देखादेखी अब दफ्तर के स्टाफ ने भी उनकी इस आदत को अपनी आदत बना लिया है। आरटीए परमजीत सिंह समाज सेवा में भी आगे रहते हैं। उनका कहना है कि दफ्तरी कामकाज के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करने से उनके मन को सुकून मिलता है।

अजनोहा ने बताया कि 26 अक्टूबर 2020 को उनकी पटियाला आरटीए दफ्तर में ज्वाइनिग हुई। इस दौरान देखा कि दफ्तर में आ रहे लोगों को सही तरीके से जानकारी नहीं मिलती इस कारण जहां उनका समय बर्बाद होता है वहीं, काम करवाने में भी परेशानी होती है। इसी कारण उन्होंने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले दफ्तर में पब्लिक के लिए हेल्प डेस्क गठित करके वहां एक कर्मचारी को तैनात किया। उक्त कर्मचारी की तैनाती से आफिस आने वाले लोगों को भी एक ही जगह से जानकारी मिलने से उन्हें भी कोई परेशानी नहीं हुई। इसके अलावा लर्निंग ड्राइविग लाइसेंस का काम ए ब्लाक में चलता था, पब्लिक को डी और ए ब्लाक के चक्कर लगाने पड़ते थे। जिसके चलते लर्निंग ड्राइविग लाइसेंस के काम को भी डी ब्लाक में शिफ्ट करके पब्लिक की यह समस्या हल की। आरटीए ने बताया कि दफ्तर में आने वाले लोगों के बैठने, पानी पीने के अलावा विभिन्न सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह 26 साल चीफ मिनिस्टर दफ्तर में ड्यूटी निभा चुके हैं। अपने गांव से है खास लगाव

आरटीए परमजीत सिंह अजनोहा ने बताया कि उन्हें होशियारपुर में स्थित अपने गांव अजनोहा से खास लगाव है। इसलिए अपने व्यस्त लाइफस्टाइल से गांव जाने के लिए विशेष समय निकालते हैं। जब भी काम से छुट्टी मिलती है तो वे गांव जरूर जाते हैं। उनके पिता खेतीबाड़ी का काम करते थे और वह भी समाज सेवा में अहम भूमिका निभाते थे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की ओर से गांव में एक कम्युनिटी सेंटर बनवाया गया है। इस सेंटर में दो अध्यापक छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक के गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं। कम्युनिटी सेंटर का पूरा खर्च उनके परिवार की ओर से किया जाता है। सुबह जल्द उठकर करते हैं मेडिटेशन

54 वर्षीय अजनोहा ने अपनी सेहत का राज बताते हुए कहा कि वह रोजाना सुबह उठकर मेडिटेशन करते हैं। ऐसा करने से दिन बर शरीर चुस्त रहता हैं। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी 1990 में चंडीगढ़ स्थित सेक्रेटिएट में ज्वाइनिग की। पटियाला आरटीए के पद पर ज्वाइनिग करने से पहले जिला श्री फतहगढ़ साहिब में स्थित खमानों में बतौर एसडीएम काम किया। पत्नी अध्यापक कम समाज सेवक ज्यादा

आरटीए ने कहा कि उनकी पत्नी कश्मीर कौर सीनियर सैकंडरी स्कूल गांव मजातड़ी में बतौर प्रिसिपल काम कर रही हैं। उन्होंने स्कूल को माडल स्कूल के तौर पर तैयार कर रखा है। गरीब बच्चों को फ्री में ट्यूशन के अलावा हर सहायता देने में सबसे आगे रहती हैं। साथ ही अपने पूरे परिवार को गरीब व्यक्ति की मदद के लिए प्रेरित करती रहती है। संकट के समय गरीबों की मदद करनी चाहिए

कोविड-19 के दौरान लाकडाउन के बाद हालात अच्छे नहीं थे। ऐसे हालातों में हर व्यक्ति को गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। मैं और मेरा परिवार खुद और अपने रिश्तेदार व दोस्तों को जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। साथ ही त्योहार चाहे कोई भी हो, को किसी न किसी वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों के साथ मनाकर मन को सुकून मिलता है।

chat bot
आपका साथी