फिजीकल वेरीफिकेशन करने पहुंचे डीएम का राइस मिलर्स ने किया विरोध
बलबेड़ा इलाके में बने राइस मिल की फिजीकल वेरीफिकेशन (पीवी) करने पहुंचे एफसीआइ के डीएम व उनकी टीम का राइस मिलर्स ने विरोध किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : बलबेड़ा इलाके में बने राइस मिल की फिजीकल वेरीफिकेशन (पीवी) करने पहुंचे एफसीआइ के डीएम व उनकी टीम का राइस मिलर्स ने विरोध किया। पटियाला राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुरिदर मित्तल व अन्य सदस्यों ने अपनी समस्याएं डीएम हरीश कुमार को बताई। जिस पर डीएम ने मिलर्स से सहमति जताते हुए आश्वासन दिया कि वह जल्द ही उनकी समस्या का हल करवाएंगे। एसोसिएशन के सदस्यों का कहना था कि पहले से ही शैलर बंद पड़े हैं, अब पीवी के नाम पर फिर से शैलर बंद करवा दिए हैं। काम ठप है, जिसे चालू करवाने के लिए विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। अब चेकिग के नाम पर परेशान किया जा रहा है, जबकि शैलर चालू रहने पर चेकिग होने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस समय जोन नंबर तीन में करीब 93 शैलर हैं, जिनमें से पांच शैलर की पीवी हुई है। ऐसे में सभी शैलरों की चेकिग होते-होते लंबा समय लगेगा और इस दौरान शैलर बंद रखे जाएंगे। जिससे शैलर मालिकों को भारी नुक्सान होगा। इस मौके पर किशोरी लाल, नरेश कुमार सिगला, राकेश कुमार, सतपाल पुनिया, गुरविदर सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
पहली बार एफसीआई कर रहा चेकिग
प्रधान सुरिदर मित्तल ने कहा कि शैलरों में विभिन्न एजेंसी का अनाज पड़ा है और यह अनाज स्टेट एजेंसी का है। ऐसे में केंद्र की एफसीआइ इन शैलरों की पीवी के नाम पर परेशान कर रही है। वेरीफिकेशन करने के लिए भी विभाग ने कोई इंतजाम नहीं किया बल्कि एक जून को शैलर की वर्किंग रोकने के बाद दो दिन बाद टीमें तैयार कर पीवी शुरू की है। इस दौरान सभी शैलर बंद रखे जाएंगे, जिससे शैलर मालिकों को परेशानी होगी। जब शैलर की वर्किंग शुरू करेंगे, तब तक लेबर धान की बिजाई के लिए खेतों में काम करने चली जाएगी। ऐसे में शैलर मालिकों को वित्तीय रूप से नुक्सान होगा क्योंकि लेबर के लिए एक हजार रुपये प्रतिदिन तक चुकाना पड़ेगा। ऐसे में उनकी सरकार से मांग है कि पीवी के लिए महकमे की तरफ से पुख्ता इंतजाम व सही कार्यवाही की जाए।