कैप्टन अविश्सनीय व्यक्ति व प्रकाश सिंह बादल लेते हैं राजनीतिक प्रतिशोध : रंधावा

शंभू पुलिस थाने की नई बिल्डिंग व पटियाला की केंद्रीय जेल में कैदियों के बीच हुए ओलिंपिक खेलों में बतौर मुख्य मेहमान उप मुख्यमंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:11 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:11 PM (IST)
कैप्टन अविश्सनीय व्यक्ति व प्रकाश सिंह  बादल लेते हैं राजनीतिक प्रतिशोध : रंधावा
कैप्टन अविश्सनीय व्यक्ति व प्रकाश सिंह बादल लेते हैं राजनीतिक प्रतिशोध : रंधावा

जागरण संवाददाता, पटियाला : शंभू पुलिस थाने की नई बिल्डिंग व पटियाला की केंद्रीय जेल में कैदियों के बीच हुए ओलिंपिक खेलों में बतौर मुख्य मेहमान उप मुख्यमंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्रियों कैप्टन अमरिदर सिंह व प्रकाश सिंह बादल पर तंज कसे। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह अविश्वसनीय व्यक्ति हैं। झूठी कस्में खाने वाले कैप्टन से पंजाब की जनता अपना बदला लेगी। अब कैप्टन चाहे आफिस का उद्घाटन करें या घर का इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें तो घर से निकाला जा चुका है। कैप्टन अब उन पर कमेंट कर रहे हैं, लेकिन वह याद कर लें कि साल 2009 में महलों की गुमनामी में बैठे कैप्टन अमरिदर सिंह को वह निकालकर बाहर लाए और डेरा बाबा नानक के पास ले गए थे। जिसके बाद वह फिर से राजनीति में सरगर्म हुए थे।

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के मुखी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को उन्होंने राजनीतिक प्रतिशोध लेने वाला कहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर प्रतिशोध लेने के आरोप लगाने वाले खुद पर नजर डालें। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 1977 में कांग्रेस के दिवंगत मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का मामला दर्ज कराया था, जिसमें उनके पिता संतोख सिंह रंधावा का नाम भी जानबूझ कर शामिल किया गया। अवैध खनन के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा उठाए गए सवालों पर रंधावा ने कहा कि आप के पास बोलने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। इस वजह से वह हवा में बातें करते हैं। दिल्ली में अपराध सबसे ज्यादा हैं जबकि आप पंजाब पर सवाल उठा रही है। कैप्टन ने साढ़े चार साल दबाए रखी नशे तस्करी की फाइल

उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजे हुए कांटे चुग रहे हैं। कैप्टन सरकार ने साढ़े चार साल नशा तस्करों की रिपोर्ट को लिफाफे में बंद किए रखा, जिसके जवाब उन्हें देने पड़ रहे हैं। पूर्व सीएम की वजह से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में इस मामलो की सुनवाई चल रही है, जिसमें मौजूदा सीएम रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। अफसोस है कि कैप्टन खुद कांग्रेस प्रधान होते कभी पार्टी दफ्तर नहीं गए और मुख्यमंत्री होते हुए घर से नहीं निकले और अब उन्हें पता लग गया है कि वास्तविकता क्या है, जिसके लिए वह आज बहुत से निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

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