सस्पेंड लवप्रीत को किया बहाल, तीन दिन की छुट्टी पर भेजा
यूजीसी ग्रांट में घपले के आरोप में 14 सितंबर को सात रेगुलर मुलाजिमों को सस्पेंड व तीन कांट्रैक्ट कर्मचारियों को नौकरी से फारिग कर दिया था।
बलविदरपाल सिंह, पटियाला
यूजीसी ग्रांट में घपले के आरोप में 14 सितंबर को सात रेगुलर मुलाजिमों को सस्पेंड व तीन कांट्रैक्ट कर्मचारियों को नौकरी से फारिग कर दिया था। दिलचस्प बात ये है कि सस्पेंड किए सेवादार लवप्रीत को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने वीरवार को अचानक बहाल करने का फैसला ले लिया। लवप्रीत की बहाली के फैसले के बाद मुलाजिम जत्थेबंदियों ने जांच करने वाली कमेटी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उनका कहना था कि क्या जांच कमेटी ने बिना जांच किए ही मुलाजिमों को सस्पेंड कर दिया है। मुलाजिम जत्थेबंदियों का कहना है कि जांच कमेटी की इस लापरवाही से लवप्रीत काफी परेशानी से गुजरा और उसकी नौकरी तक जा सकती थी।
पीयू प्रशासन द्वारा सस्पेंड करने के बाद लवप्रीत वीरवार को अपने बैंक खाते की पासबुक लेकर डीन अकादमिक मामले डा. बीएस संधू के पास पहुंचा। डा. संधू ने लवप्रीत की पास बुक देखी, जिसमें मामले के मुख्य आरोपित निशु चौधरी द्वारा एक भी पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया था। डीन तुरंत सेवादार लवप्रीत को लेकर रजिस्ट्रार के पास पहुंचे, जिसके बाद यह मामला वाइस चांसलर प्रो. अरविद के पास रखा गया। मामले की छानबीन करने के बाद यूनिवर्सिटी द्वारा सेवादार लवप्रीत को बहाल कर दिया गया। साथ ही वीसी ने लवप्रीत को रविवार तक छुट्टी पर भेजकर सोमवार को नौकरी ज्वाइन करने को कहा। एक नाम के चार व्यक्ति, इसी कारण गलती हुई : वीसी
वाइस चांसलर प्रो. अरविंद ने कहा कि लवप्रीत नाम के चार व्यक्ति हैं, जिसके चलते कमेटी से यह गलती हुई। घपले के मामले में जिस लवप्रीत का नाम आ रहा है, वह यूनिवर्सिटी से बाहर का है। सेवादार लवप्रीत के बेकसूर होने के बाद उसे बहाल कर दिया गया है। मामले में संलिप्त असली लवप्रीत की तलाश की जा रही है।