लीडरों तक नहीं पहुंच रही लोगों की आवाज : डा. नवजोत सिद्धू
कांग्रेसी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बाद उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
जागरण संवाददाता, पटियाला :
कांग्रेसी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बाद उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू ने तीखा रवैया अपनाते हुए पंजाब में अलग लहर खड़ी करने का एलान कर दिया है। इसके अंतर्गत पंजाब के 117 हलकों में टीमें बना कर लोगों तक पहुंच बनाने की शुरुआत भी कर दी है।
शनिवार को पटियाला में एक समागम के दौरान डा. नवजोत कौर सिद्धू ने खुद इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के लिए मां-बाप होती है, लीडरों को जनता की आवाज सुननी चाहिए। पंजाब के लोगों की आवा•ा लीडरों तक नहीं पहुंच रही है और इस लिए वह व उनकी टीम लोगों की आवाज बनेंगी।
इस दौरान सूबा सरकार की बात करते हुए डा. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि सरकार स्तर पर पहले बातें बहुत हो चुकी हैं, परन्तु सुनने और समझने वाला भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तो चार साल से वह घर पर ही हैं और समाजसेवी के तौर पर लोगों में मूवमेंट कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ हैं और गलत लोगों की स्पोर्ट नहीं करते हैं। आल इंडिया जाट महासभा की पंजाब यूनिट की महिला विग की प्रधान डा. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि महासभा के बैनर तले सूबे के लोगों के साथ जुड़ कर उन की समस्याओं को हल करवाया जाएगा। मंडी प्रबंधों के लिए नहीं हुई पूरी तैयारी
मंडियों में किसानों को पेश आ रही समस्याओं के सवाल पर डा. नवजोत कौर ने कहा कि पूरी तैयारी होनी चाहिए थी और सीधी अदायगी भी इसका कारण हो सकता है। साथ ही उन कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से दो साल पहले इस संबंधित पत्र जारी किया था तो सूबा सरकार को पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए थी क्योंकि आए हुक्म कभी जल्दी रद नहीं होते। डा. नवजोत कौर ने कहा कि खेती कानून रद्द करवाना लाजिमी हैं परन्तु इसके साथ पंजाब की किसानी को निचले स्तर पर भी मजबूत करने की जरूरत है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बाहर से दालें और ओर सामग्री मंगवाने की बजाय किसानों को सही मूल्य दे कर पंजाब में ही अलग अलग तरह की खेती करवाए। अफीम बंद करवा कर सिथेटिक नशे पर लगाई जवानी
नशे के मुद्दे पर बीबी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि पहले समय में पंजाब में अफीम होती थी परन्तु नशा तस्करों ने रिवायती नशा अफीम बंद करवा कर नौजवानों को सिथेटिक नशे पर लगा दिया है। सिंथेटिक नशे को खत्म करने के लिए अफीम की खेती व्यवस्था के अंतर्गत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तो कनाडा और अमेरिका भी अ़फीम की मांग करने लगे हैं। हिमाचल की तर्ज पर पंजाब में खेती होनी चाहिए।