Fastag Discount के चक्कर में फंसे PRTC के एक करोड़, बैंक ने नहीं चुकाया सात फीसद डिस्काउंट

पीआरटीसी ने दो साल पहले एक हजार बसों में फास्टैग के लिए बैंक से एग्रीमेंट किया था। एग्रीमेंट पूरा होने के बाद भी बैंक ने सात फीसद डिस्काउंट नहीं चुकाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 11:26 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 11:26 AM (IST)
Fastag Discount के चक्कर में फंसे PRTC के एक करोड़, बैंक ने नहीं चुकाया सात फीसद डिस्काउंट
Fastag Discount के चक्कर में फंसे PRTC के एक करोड़, बैंक ने नहीं चुकाया सात फीसद डिस्काउंट

पटियाला [प्रेम वर्मा]। पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (PRTC) को डिजिटल सर्विस के जरिए मुनाफा पाने की कोशिश महंगी पड़ गई है। फास्टैग डिस्काउंट (Fastag discount) के चक्कर में PRTC के एक करोड़ रुपये बैंक के पास फंसे हुए हैं। निगम ने टोल प्लाजा से गुजरने वाली अपनी बसों को डिजिटल प्लेटफार्म पर उतारते हुए दो साल पहले फास्टैग सर्विस के साथ जोड़ा था। निगम ने अपनी एक हजार बसों को इस सुविधा से जोड़ने के लिए दो साल पहले टेंडर निकाला था। एक बैंक ने सात फीसद डिस्काउंट मुहैया करवाने का एग्रीमेंट कर टेंडर हासिल कर लिया।

PRTC की बसें दौड़ती रहीं और डिजिटल तरीके से टोल कटता रहा, लेकिन कैश बैक की तर्ज पर PRTC को बैंक की ओर से मिलने वाला सात फीसद डिस्काउंट नहीं दिया गया। डिस्काउंट की रकम करीब एक करोड़ रुपये तक पहुंच गई। PRTC दो साल से बैंक के पास फंसे डिस्काउंट के पैसे को लेने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी लगातार संबंधित बैंक को पत्र लिखकर मामला सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जो सिरे नहीं चढ़ पाई हैं। इस मामले को लेकर एक कमेटी भी बनी, जो सही रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई।

आखिर यह मामला अब ट्रांसपोर्ट विभाग के निदेशक मंडल के पास पहुंच गया है। ऑडिट टीम अब इसकी जांच कर रही है। हालांकि पहले भी इस मामले में एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर उसकी भूमिका की जांच शुरू की गई थी, लेकिन प्रबंध निदेशक के लगातार तबादले और प्रशासनिक मुलाजिमों की कमी के कारण जांच पूरी नहीं हो पाई थी।

कई बसें भी ब्लैक लिस्ट हुईं 

PRTC को बैंक से सात फीसद डिस्काउंट तो मिला नहीं उलटा कई बसें टोल प्लाजा पर ब्लैक लिस्ट हो गईं। कई बार फास्टैग के काम नहीं करने पर PRTC को दोगुना टोल टैक्स चुकाना पड़ा।

नए बैंक से किया अनुबंध : ग्रेवाल

पटियाला डिपो के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे जतिंदरपाल सिंह ग्रेवाल का कहना है कि फास्टैग का मुद्दा प्रशासन मामला है। इसे मुख्यालय ही देख रहा है। इस वक्त बसों के संचालन में कोई परेशानी नहीं है। फरवरी 2020 में नए बैंक के साथ फास्टैग का अनुबंध किया है। बीच में कफ्र्यू लग गया था। अब जून में सेवा शुरू होगी। 

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