प्रदर्शन से पीआरटीसी को ढाई लाख का नुक्सान, हड़तालियों के खिलाफ केस दर्ज
प्रदर्शन के दौरान पीआरटीसी का काम प्रभावित होने के कारण हुए नुक्सान के मद्देनजर थाना लाहौरी गेट पुलिस ने पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कंट्रैक्टर वर्कर यूनियन पंजाब और हड़ताली कर्मचारी ड्राइवर और कंडक्टर स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : प्रदर्शन के दौरान पीआरटीसी का काम प्रभावित होने के कारण हुए नुक्सान के मद्देनजर थाना लाहौरी गेट पुलिस ने पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कंट्रैक्टर वर्कर यूनियन पंजाब और हड़ताली कर्मचारी ड्राइवर और कंडक्टर स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस दौरान पीआरटीसी ने जहां करीब ढाई लाख रुपये के नुक्सान होने का हवाला देते हुए मामला दर्ज करवाया है, वहीं प्रदर्शनकारी सदस्यों ने भी इन पर्चों से न डरने की बात कहते हुए आठ दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है। इस दौरान किसान जत्थेबंदियों ने भी यूनियन की हड़ताल का किसान यूनियन सिद्धूपुर ने समर्थन का एलान कर दिया है। साथ ही जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए बड़े स्तर पर पंजाब सरकार के चुनाव प्रचार का विरोध करने का एलान भी कर दिया है।
पुलिस को दी शिकायत में पीआरटीसी के जीएम राहुल शर्मा ने बताया कि तीन दिसंबर को सुबह दस बजे आरोपितों ने बस स्टैंड के अंदर दाखिल होकर पीआरटीसी वर्करों को काम करने से रोका और बस स्टैंड पटियाला का गेट बंद कर दिया। जिस कारण डिपो के तकरीबन 44 टाइम मिस हो गए जिस कारण 5514 किलोमीटर मिस हुए और पीआरटीसी को लगभग 242616 रुपये का वित्तीय नुक्सान हुआ। जिसके चलते आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करवाया। वहीं, फिलहाल पुलिस की तरफ से अज्ञात यूनियन सदस्यों खिलाफ केस दर्ज करके आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
इस संबंधी पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव बलजीत सिंह गिल, गरप्रीत सिंह पन्नू, हरकेश विक्की, जगतार सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पिछले लंबे समय से ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर नहीं किया जा रहा। छह अक्टूबर, 2021 को नए ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग ने रेगुलर करने का भरोसा दिया, इसके बाद 12 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने 20 दिन में रेगुलर करने का भरोसा दिया। परंतु नए एक्ट के अंतर्गत ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी मुलाजिम रेगुलर नहीं हुआ और बोर्ड कारपोरेशन को एक्ट से बाहर रखकर सरकारी ट्रांसपोर्ट खत्म करने की कोशिशें की जा रही है।