लाई डिटेक्टर टेस्ट के बाद मायके रहने लगी थी मंजीत
त्ल के आरोप में गिरफ्तार बचों की मां मंजीत कौर व उसके मौसेरे देवर बलजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राज खुलने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : राजपुरा रोड स्थित गांव खेड़ी गंडियां निवासी दो सगे भाइयों दस वर्षीय जशनदीप सिंह व आठ साल के हसनदीप सिंह के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार बच्चों की मां मंजीत कौर व उसके मौसेरे देवर बलजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राज खुलने लगे हैं। अपने मौसेरे भाई बलजीत पर शक होने पर एक दिन बच्चों का पिता दीदार सिंह आरोपित बलजीत के घर ही पहुंच गया था। यहां से बलजीत के परिवार वालों ने मारपीट कर दीदार सिंह को भगा दिया था। यही नहीं फरवरी 2020 में लाई डिटेक्टर टेस्ट होने का पता चलते ही मंजीत कौर ने पति का घर छोड़कर मायके वालों के पास रहना शुरू कर दिया था। जहां पर छिप छिपकर बलजीत सिंह से मुलाकात करने लगी थी। 22 जुलाई को दोनों बच्चों को नहर में फेंकने से करीब एक साल पहले बलजीत ने मंजीत कौर को फोन लाकर दिया था, जिसके बारे में दो दिन पहले ही दीदार को पता चला। फिलहाल यह फोन अभी पुलिस द्वारा बरामद नहीं किया गया। थाना खेड़ी गंडिया के इंचार्ज कुलविदर सिंह ने कहा कि मामले की पड़ताल बारीकी से कर रहे हैं, जल्द ही फोन भी बरामद हो जाएगा। दोनों आरोपित आठ मार्च तक पुलिस रिमांड पर है। घटना के बाद पति से दूरी बना प्रेमी के पास पहुंची थी मंजीत
दोनों बच्चों के कत्ल की घटना के बाद आरोपित बलजीत सिंह को लेकर घर में झगड़ा हो गया क्योंकि वह शक के दायरे में था। वजह यह थी कि घटना से पहले दीदार सिंह की पत्नी की मनियारी की दुकान पर आरोपित बलजीत सिंह रोजाना आकर बैठता था। करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव महमा का रहना वाला बलजीत रोजाना ही दुकान पर आने लगा तो गांव में चर्चा फैलने लगी थी। घटना के बाद बलजीत सिंह ने घर पर आना बंद कर दिया, वहीं मंजीत कौर को उसके मायके वालों ने बेदखल कर दिया था। बलजीत सिंह का घर में आना बंद होने पर मंजीत कौर ने अपने पति से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। यहां तक कि दोनों के बीच पति-पत्नी वाले संबंध भी नहीं रहे जबकि लाई डिटेक्टर टेस्ट होने का फैसला आने के बाद घर छोड़कर प्रेमी से मिलने के रास्ते बनाए थे।