अवैध संबंधों में मां ने प्रेमी संग मिलकर जिंदा नहर में फेंके थे अपने दोनों बेटे

राजपुरा रोड स्थित गांव खेड़ी गंडियां निवासी दो सगे भाइयों दस वर्षीय जशनदीप सिंह व आठ वर्षीय हसनदीप सिंह की मौत का राज करीब डेढ़ साल बाद खुल गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:59 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 07:59 AM (IST)
अवैध संबंधों में मां ने प्रेमी संग मिलकर  जिंदा नहर में फेंके थे अपने दोनों बेटे
अवैध संबंधों में मां ने प्रेमी संग मिलकर जिंदा नहर में फेंके थे अपने दोनों बेटे

जागरण संवाददाता, राजपुरा (पटियाला) : राजपुरा रोड स्थित गांव खेड़ी गंडियां निवासी दो सगे भाइयों दस वर्षीय जशनदीप सिंह व आठ वर्षीय हसनदीप सिंह की मौत का राज करीब डेढ़ साल बाद खुल गया। दोनों बच्चों के लापता होने के बाद नहर से लाश मिलने के बाद मामला डीजीपी से लेकर सांसद तक पहुंचा था लेकिन डेढ़ साल से कोई सुराग नहीं लग पाया था। इस लंबी जांच-पड़ताल के बाद पटियाला पुलिस ने आखिर दोनों मासूमों के कत्ल के आरोप में इनकी मां मंजीत कौर व उसके प्रेमी बलजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने बताया कि आरोपित बलजीत सिंह बच्चों के पिता दीदार सिंह की सगी मौसी का बेटा है। बलजीत के मंजीत कौर के साथ करीब डेढ़ साल से प्रेम संबंध थे, जिसका दीदार सिंह को पता चलने के बाद घर में झगड़ा रहने लगा था। इस अवैध संबंधों में बच्चों को रोड़ा समझते हुए दोनों ने कत्ल का प्लान बनाया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। ऐसे दिया कत्ल को अंजाम

एसएसपी ने बताया कि दीदार सिंह ड्राइवर था। उसे पत्नी व मौसेरे भाई बलजीत सिंह बीच प्रेम संबंधों का पता चल गया था। इसके बाद परिवार में झगड़ा रहने लगा और दीदार सिंह भी काम से जल्दी घर लौटने लगा था। अपने अवैध संबंधों में दूरियां बढ़ती देख आरोपितों ने बच्चों की हत्या की योजना बनाई। 22 जुलाई 2019 की रात साढ़े आठ बजे मंजीत कौर ने दोनों बच्चों को कोल्ड ड्रिक लेने गांव में बनी दुकान की तरफ भेजा। बच्चों से कहा कि वहां चाचा बलजीत सिंह इनका इंतजार कर रहा है, जिनके साथ दुकान पर चले जाएं। बलजीत सिंह पहले से ही वहां खड़ा था, जो स्कूटर पर बच्चों को बिठाकर भाखड़ा नहर दिखाने के बहाने ले गया। बच्चे नहर देखने लगे तो आरोपित ने दोनों को जिदा नहर में धक्का दे दिया और लौट आया। इधर, मंजीत कौर ने बच्चों के किडनैप होने की झूठी अफवाह फैला दी। इसके बाद बच्चों की तलाश न होने पर राजपुरा रोड पर धरना भी लगाया गया था। ऐसे खुला कत्ल केस का राज

एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने बताया कि डीएसपी घनौर जसविदर सिंह टिवाणा, इंस्पेक्टर कुलविदर सिंह थाना खेड़ी गंडिया इंचार्ज, डीएसपी हैडकवाटर्र गुरदेव सिंह धालीवाल की टीम ने इस केस को हल किया है, जिसमें मुलाजिमों की पूरी टीम साथ थी। आरोपित बलजीत सिंह ने बच्चों का कत्ल करने से पहले डर दूर करने के लिए अधिक शराब पी थी और कत्ल के बाद भी जाकर शराब पी। करीब डेढ़ महीने पहले अदालत की मंजूरी के बाद दोनों आरोपितों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया था, जिसमें पुलिस के सवाल-जवाब में कत्ल का सुराग मिल गया था। बच्चों के पिता का टेस्ट करने पर वह बेकसूर पाया गया। केस के चर्चित पहलू

1. 22 जुलाई 2019 की रात को जशनदीप सिंह व हसनदीप सिंह संदेह भरी हालत में लापता हुए, आरोपितों ने कहानी किडनैपिग की बनाई।

2. दो दिन तक सुराग न लगने पर 50 हजार रुपये इनाम व नहर में तलाश के लिए 150 पुलिस मुलाजिम व गोताखोर की टीम लगाई।

3. चार दिन तक केस हल न होने पर डीजीपी ने रिपोर्ट मांगी, सांसद परनीत कौर व एमएलए पीड़ित परिवार के पास घर पहुंचे।

4. 27 जुलाई को छोटे बेटे हसनदीप की लाश घनौर नहर से मिली लेकिन आरोपित मां व चाचा ने लाश हसनदीप की नहीं होना बताया।

5. चार अगस्त को जशनदीप सिंह की लाश भी भाखड़ा नहर से बरामद हुई तो हेयर स्टाइल, काला धागा व कपड़ों से रिश्तेदार ने ही पहचान की।

6. पांच अगस्त दोनों बच्चों की लाश पहचानने व लेने से परिवार की आनकानी हुई तो पुलिस ने डीएनए टैस्ट की बात कही, तब जाकर परिवार ने बच्चों को अपना माना।

7. 17 अगस्त को कत्ल की आशंका के चलते स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (सिट) बनाई गई।

8. अक्टूबर 2019 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिसमें साफ हुआ कि बच्चों की मौत डूबने से हुई थी। यह दोनों बच्चे ही जशन व हसन हैं।

9. नवंबर 2019 में लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने के लिए अदालती प्रक्रिया शुरू हुई।

10. दिसंबर 2020 में टेस्ट करवाने के लिए मंजूरी मिली तो पिता ने कहा पहले मेरा टेस्ट करवाएं।

12. दो महीने तक आरोपित मंजीत टालमटोल करती रही और फरवरी 2020 को पति का घर ही छोड़ दिया।

13. मार्च 2020 में क‌र्फ्यू व लाकडाउन के कारण जांच प्रभावित हुई थी, जो अब पूरी हुई है।

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