डोंकी लगा कनाडा पहुंचने के चक्कर में 19.20 लाख गंवाए

डोंकी लगाकर (गैरकानूनी तरीके से पैदल बार्डर पार करना) कनाडा पहुंचने के चक्कर में 40 वर्षीय व्यक्ति को 19.20 लाख रुपये का चूना लग गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:07 PM (IST)
डोंकी लगा कनाडा पहुंचने के  चक्कर में 19.20 लाख गंवाए
डोंकी लगा कनाडा पहुंचने के चक्कर में 19.20 लाख गंवाए

जागरण संवाददाता, पटियाला : डोंकी लगाकर (गैरकानूनी तरीके से पैदल बार्डर पार करना) कनाडा पहुंचने के चक्कर में 40 वर्षीय व्यक्ति को 19.20 लाख रुपये का चूना लग गया। एजेट ने कई छोटे देशों में घुमाने के बाद पीड़ित को कनाडा के बार्डर के नजदीक आकायूका शहर में शरणार्थी कैंप तक पहुंचा दिया। वहां उसे लेने विदेशी एजेंट व वकील नहीं पहुंचा। जिस वजह से कैंप से उसे वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया। अक्टूबर 2019 को भारत से विदेश पहुंचे जगतार सिंह निवासी गांव खुर्द धूरी संगरूर मार्च 2020 में भारत डिपोर्ट हुआ था। डिपोर्ट होने के दो हफ्ते बाद ही भारत में लाकडाउन व क‌र्फ्यू लग गया, जिस वजह से उसकी पुलिस कंप्लेंट पर जांच शुरू नहीं हो पाई। हाल ही में पुलिस ने पड़ताल करने के बाद मंगलवार को कोतवाली थाना में केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने अजय वर्मा निवासी दीप नगर व संदीप कुमार निवासी दिल्ली के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डेढ़ किल्ले जमीन बेच गया था विदेश

पीड़ित के पास डेढ़ किल्ला जमीन थी, जिसे बेचने के बाद वह विदेश गया था। आरोपितों के साथ उसका साल 2018 में फोन पर संपर्क हुआ था। डोंकी लगाकर कनाडा जाने के लिए 17 लाख 70 हजार रुपये दिए थे। पैसे देने के बाद उसे कवीटो, आकायूका शहर, कंबोडिया जैसे कई देशों में ले गए। इन देशों में जाने के लिए उसे समुद्र व जंगल के रास्ते ले जाया गया। कई महीनों तक घूमने के बाद वह बार्डर पर शरणार्थी कैंप पहुंच गया। वहां पहुंचते ही आरोपितों ने कहा कि कनाडा का वीजा बंद हो चुका है, अब अमेरिका भेजेंगे जिसके लिए डेढ़ लाख रुपये अलग देने होंगे। पैसा लेने के बाद भी आरोपितों ने विदेशी एजेंट व वकील नहीं भेजा तो कैंप से सीधे इंडिया डिपोर्ट कर दिया गया। पैसा भी गया और परिवार का साथ भी छूटा

दसवीं पास जगतार विदेश जाकर पैसा कमाकर बड़ा आदमी बनना चाहता था, जिस वजह से उसने शादी भी नहीं करवाई थी। जब वह जमीन बेचकर विदेश जाने की तैयारी कर रहा था तो भाइयों ने समझाया लेकिन नहीं मानने पर उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया। डिपोर्ट होने के बाद भारत पहुंचा तो उसे कोतवाली थाना के एएसआइ कुलदीप सिंह ने सहारा दिया। आते ही वह कोरोना पाजिटिव हो गया। ऐसे में कुलदीप ने इंसानियत दिखाते हुए उसकी मदद कर इलाज करवाया और रहने का इंतजाम किया।

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