भार मुक्त सर्टिफिकेट की आनलाइन रिपोर्ट देने से पटवारियों का इन्कार

राज्य सरकार जहां विभिन्न सरकारी दफ्तरों का कामकाज आनलाइन कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में पटवारी इस आनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:42 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:42 AM (IST)
भार मुक्त सर्टिफिकेट की आनलाइन 
रिपोर्ट देने से पटवारियों का इन्कार
भार मुक्त सर्टिफिकेट की आनलाइन रिपोर्ट देने से पटवारियों का इन्कार

बलविदरपाल सिंह, पटियाला

राज्य सरकार जहां विभिन्न सरकारी दफ्तरों का कामकाज आनलाइन कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में पटवारी इस आनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। यहां राज्य में भार मुक्त (प्रापर्टी या फिर जमीन पर लोन तो न होना) के सर्टिफिकेट की रिपोर्ट आनलाइन देने का काम काम शुरू किया गया था। अब पटवारियों ने यह रिपोर्ट आनलाइन देने से मना कर दिया गया है। इस कारण इस समय भार मुक्त सर्टिफिकेट बनने का काम बंद पड़ा है।

राज्य के पटवारियों की ओर से एसोसिएशन की अगुआई में एक प्रस्ताव पास करके आनलाइन भार मुक्त सर्टिफिकेट की रिपोर्ट देने से मना कर दिया गया है। पटवारियों का कहना है कि आनलाइन होने से उन्हें सर्टिफिकेट की रिपोर्ट करने के लिए लघु सचिवालय में स्थापित फर्द केंद्र में जाना पड़ेगा। जिसके चलते उन्हें दफ्तरी कामकाज छोड़ना पड़ता है। दफ्तर में कोई भी व्यक्ति आकर उनसे रिपोर्ट करवा सकता है। इसी वजह से पटवारी आनलाइन का विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास करके इस आनलाइन सिस्टम का विरोध किया है। कोई भी पटवारी आनलाइन रिपोर्ट नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति मैन्यूल रिपोर्ट करवा सकता है।

-टहल सिंह, प्रधान, द रेवन्यू पटवार यूनियन मामला सरकार के पास पहुंच गया है। पटवार एसोसिएशन व सरकार में बातचीत चल रही है। जो भी फैसला होगा उसके तहत काम शुरू कर देंगे।

- अमनदीप सिंह थिद, डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू अफसर भाकियू ने किया फर्द केंद्र का काम सेवा केंद्रों को देने का विरोध

लघु सचिवालय के डी ब्लाक स्थित फर्द केंद्र से जारी होने वाली जमीन की फर्द अब सेवा केंद्रों में भी मिलेगी। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा फर्द केंद्र का काम सेवा केंद्रों में देने की तैयारी की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के इस फैसले का भारतीय किसान यूनियन एकता विरोध कर रही है। यूनियन का कहना है कि किसानों को जमीन की फर्द आसानी से फर्द केंद्र से मिल जाती थी। अब सेवा केंद्र में यह सुविधा शिफ्ट होने से किसानों को परेशानी होगी, क्योंकि सेवा केंद्रों में पहले ही लोगों की भीड़ रहती है। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार को अपना फैसला रद करना चाहिए।

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