रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए रेडियो चितकारा चला रहा है अभियान

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सौजन्य व सिमका कामनवेल्थ एजुकेशनल सेंटर एशिया के सहयोग से रेडियो चितकारा अपने श्रोताओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए जागरूकता अभियान 10 दिसंबर से चला रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 07:32 PM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 06:13 AM (IST)
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए  रेडियो चितकारा चला रहा है अभियान
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए रेडियो चितकारा चला रहा है अभियान

संस, राजपुरा (पटियाला) : भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सौजन्य व सिमका कामनवेल्थ एजुकेशनल सेंटर एशिया के सहयोग से रेडियो चितकारा अपने श्रोताओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए जागरूकता अभियान 10 दिसंबर से चला रहा है। इसके तहत सिमका के कार्यक्रम जो आयुष से जुडे़ हैं, प्रतिदिन हर तीन घंटे के अंतराल में प्रसारित किए जा रहे हैं। इसमें आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, युनानी पद्धति, सिद्धा पद्धति, होम्योपैथी पद्धति की खूबियां रेडियो सुनने वालों को बताई जाती हैं ताकि वे इन्हें अपनाकर स्वस्थ रह सकें। सिमका के रेडियो कार्यक्रमों में आयुष से जुड़े सूचना, शिक्षा और संचार पर बल दिया गया है ताकि मंत्रालय के प्रयासों को लोगों तक रेडियो के जरिए ज्यादा से ज्यादा ले जाया जा सके और देशवासियों को प्राचीन पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

इसके अलावा आयुर्वेद और योग को दैनिक जीवन में अपनाने पर जोर दिया गया है ताकि इसके प्रयोग से लोग बीमारियों से दूर रहें और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सके। निरोग रहना विशेषकर कोरोना काल में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। कोविड-19 के प्रसार को रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए शारीरिक स्वास्थ्य को बरकरार रखना पड़ेगा। किसी भी तरह की बीमारियां लोगों को न जकड़ पाएं और सभी की जिदगी बगैर डाक्टर्स और दवाइयों के गुजर बसर हो सके, के लिए आयुष को अपनाना और भी जरूरी है। होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्धा देश की प्राचीनतम इलाज के तरीकों से जुड़ी विधाएं हैं। इसके हमेशा अच्छे परिणाम आए हैं और पुरानी पीढि़यों ने शतायु होने का गौरव और वह भी बगैर किसी रोग के पाया है।

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