कौंसिल चुनाव की घोषणा से अब बढ़ेगी सियासी हलचल
चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों का इंतजार उस समय समाप्त हो गया जब सरकार ने 13 फरवरी तक नगर कौंसिल चुनाव करवाने संबंधी घोषणा कर दी।
संस, राजपुरा (पटियाला) : चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों का इंतजार उस समय समाप्त हो गया जब सरकार ने 13 फरवरी तक नगर कौंसिल चुनाव करवाने संबंधी घोषणा कर दी। चाहे राजनीतिक पार्टियों द्वारा पहले से तैयारी शुरू की जा रही थी परंतु खास बात है कि इस बार चुनाव जहां काफी दिलचस्प होंगे वहीं कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। इसलिए आने वाले दिन में राजनीतिक गतिविधियों के जोर पकड़ने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।
कार्यकाल समाप्त होने की स्थिति में पंजाब की राजनीतिक पार्टियां नगर कौंसिल चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। कौंसिल भंग होने के चलते आम लोगों को काम करवाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए जनता के अलावा सियासी दल भी जल्द चुनाव चाह रहे हैं। नगर कौंसिल चुनाव के इतिहास में पहली बार महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत देखी जाएगी, क्योंकि सरकार ने महिलाओं के लिए आरक्षण 33 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। इतना ही नहीं, राजपुरा नगर कौंसिल के वार्डो की संख्या 29 से 31 कर दी गई है। इसके चलते नगर कौंसिल की फिर से वार्डबंदी की गई है जबकि 2015 में हुए कौंसिल चुनाव नई वार्डबंदी के हिसाब से थे ,क्योंकि उस समय वार्डो की संख्या 25 से बढ़ाकर 29 की गई थी।
नई वार्डबंदी दे सकती है झटका
नई वार्डबंदी के चलते चुनाव लड़ने के इच्छुक कुछ नेताओं को झटका लगा है क्योंकि करीब सभी वार्डो के एरिया को जहां काटा गया है वहीं नया एरिया भी जोड़ा गया है। इसलिए उम्मीदवारों को सियासी समीकरण गड़बड़ाने के अलावा पैठ जमाने के लिए कड़ी मेहनत करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल के नेता चुनाव में विरोधियों को धूल चटाने का दावा करते देखे जा सकते हैं, लेकिन राजनीतिक जानकार कौंसिल चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रहे हैं, क्योंकि इस दौरान अलग अलग दलों को अपना दमखम दिखाने के अलावा वर्करों में जोश भरने का मौका भी मिल जाएगा।