पटियाला कांग्रेस : चन्नी के आने की खुशी कम, कैप्टन के जाने का गम ज्यादा
चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने की खुशी से पटियाला के कांग्रेसी पूरी तरह अनछुए हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने की खुशी से पटियाला के कांग्रेसी पूरी तरह अनछुए हैं। हालात ऐसे हैं कि पटियाला शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए मुख्यमंत्री के लिए कोई स्वागती फ्लैक्स या बोर्ड नहीं लगाया गया है और न ही कोई समारोह आयोजित किया गया है। माहौल के मुताबिक पटियाला कांग्रेस को चन्नी की मुख्यमंत्री पद पर तैनाती में दिलचस्पी कम और कैप्टन के जाने का गम ज्यादा है। मोती महल के नजदीकी राजनीतिक पदाधिकारियों को अब उन्हें अपनी सीट छिन जाने का डर सता रहा है। फिलहाल पटियाला के कांग्रेसी तो शाही परिवार के साथ खड़े होने का वादा करते हुए अगले संकेत का इंतजार कर रहे हैं।
साल 1998 में कैप्टन अमरिदर सिंह को पंजाब कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया और साल 2002 में कैप्टन अमरिदर सिंह मुख्यमंत्री बने। कैप्टन अमरिदर सिंह ने 23 साल तक कांग्रेस पार्टी पर राज किया। इस दौरान परनीत कौर भी चार बार लोकसभा की सदस्य बनीं। पार्टी का हर फैसला मोती महल से लिया जाता था और इतने सालों में मोती महल को ही कांग्रेस माना जाता था। पार्टी राज्य स्तर पर और विशेष रूप से पटियाला के राजनीतिक सरकारी पदों पर मजबूती हासिल करती रही, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि उक्त धारणा को खत्म कर दिया गया है। कैप्टन अमरिदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से पटियाला में कांग्रेसियों की मुश्किलें बढ़ गई लगती हैं। इसलिए पटियाला कांग्रेस को चन्नी के आने में कम दिलचस्पी है और कैप्टन के जाने से ज्यादा गम है। महल तक जाने का रास्ता भी खुला
कैप्टन अमरिदर सिंह के अब मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहने के कारण मोती महल की ओर जाने वाले रास्ते आखिरकार खोल दिए गए हैं। करीब एक साल बाद बंद हुए वाइपीएस चौक से मोती महल की ओर जाने वाले मार्ग को फिर से खोल दिया गया है। धरने और प्रदर्शनों के चलते मोती महल की ओर जाने वाले सभी रास्तों को भारी-भरकम बैरिकेड्स से बंद कर दिया गया था। गुरुद्वारा मोती बाग साहिब, सूलर रोड, अफसर कालोनी रोड और वाइपीएस चौक रोड को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था जिससे महल के पास रहने वालों को परेशानी हो रही थी। आज इन सड़कों से बैरिकेड्स हटा दिए गए और हर सड़क पर महल के पास तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या भी कम कर दी गई।