कोटे के तहत एडमिशन नहीं दी, गांववासियों ने राजीव गांधी ला यूनिवर्सिटी के गेट जबरन बंद किए

राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ ला के निर्माण के लिए 50 एकड़ जमीन देने के बावजूद गांव सिद्धूवाल निवासियों के लिए एडमिशन की आरक्षित सीट किसी अन्य को देने के विरोध में सोमवार सुबह गांववासियों ने यूनिवर्सिटी का गेट बंद करके धरना लगा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:51 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:51 PM (IST)
कोटे के तहत एडमिशन नहीं दी, गांववासियों ने राजीव गांधी ला यूनिवर्सिटी के गेट जबरन बंद किए
कोटे के तहत एडमिशन नहीं दी, गांववासियों ने राजीव गांधी ला यूनिवर्सिटी के गेट जबरन बंद किए

जागरण संवाददाता, पटियाला : राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ ला के निर्माण के लिए 50 एकड़ जमीन देने के बावजूद गांव सिद्धूवाल निवासियों के लिए एडमिशन की आरक्षित सीट किसी अन्य को देने के विरोध में सोमवार सुबह गांववासियों ने यूनिवर्सिटी का गेट बंद करके धरना लगा दिया। इस दौरान गांववासियों ने जहां यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं यूनिवर्सिटी स्टाफ को भी करीब एक घंटे तक कैंपस में दाखिल होने नहीं दिया। इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गांव निवासियों से बातचीत करके मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन करीब चार घंटे तक मामला नहीं सुलझा। गांववासियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए गांव के कोटे की सीट एक डीएसपी समेत एक अन्य रसूखदार व्यक्ति के संबंधी को देने की बात कही। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उक्त आरोपों को नकार दिया।

गांव सिद्धूवाल निवासी सुरिदर सिंह, सतनाम सिंह, सरपंच तरसेम सिंह ने बताया कि गांव की तरफ से 50 एकड़ के करीब गांव की शामलात जमीन यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए दी थी। इस दौरान सरकार की तरफ से नौकरी के कोटे के लिए सात प्रतिशत सीटें, जबकि एडमिशन के लिए हर साल एक सीट गांव निवासियों के लिए आरक्षित करने संबंधी लिखित में नोटीफिकेशन जारी किया है। इसके तहत एडमिशन के लिए गांव में से केवल एक बच्ची दिलप्रीत कौर ने अप्लाई किया था, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मिलीभगत करके दो रसूखदार लोगों के गांव के एड्रेस में बदलाव करके उनके बच्चों को यूनिवर्सिटी में एडमिशन देने की कोशिश की जा रही है। इससे गांववासियों में रोष है। विरोध के बाद गाड़ी छोड़ भागे डीएसपी

इसी दौरान अपनी बेटी की एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी आए एक डीएसपी और उनके बेटे को भी गांव निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। इसके चलते डीएसपी के बेटे की गांव निवासियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद मौके पर पहुंचे थाना बख्शीवाला के कर्मचारियों ने उन्हें मौके से निकाला। इस दौरान गांव निवासियों ने डीएपी की सरकारी गाड़ी भी यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर नहीं निकलने दी। दो थानों की पुलिस ने किया हालात पर काबू

मामला बढ़ते देख थाना बख्शीवाला और थाना त्रिपड़ी पुलिस के एसएचओ और डीएसपी पुलिस पार्टी समेत मौके पर पहुंचे। इसके बाद गांव निवासियों को समझाने के उपरांत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के साथ मीटिग करवा शांत किया। इस दौरान वीसी ने उन्हें बुधवार को मामला हल करवाने का आश्वासन दिया। इस उपरांत गांव निवासियों ने प्रदर्शन समाप्त किया। मामले की जांच के लिए एडीसीडी को लिख पत्र

यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार नरेश वत्स ने बताया कि यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए गांव के आरक्षित कोटे में तीन बच्चों के आवेदन मिले हैं। जिस संबंधी विवाद होने के चलते मामले की जांच के लिए एडीसीडी को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि गांव निवासियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को बुलाया गया है। मामले की जांच पूरी होने के बाद ही वह अगला एक्शन लेंगे।

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