कांट्रैक्ट कर्मियों को चंडीगढ़ मीटिंग के लिए बुलाया, वहां पूछा तक नहीं

मेडिकल कालेज के 690 आउटसोर्स कोरोना वारियर्स को आगामी 30 सितंबर को नौकरी से फारिग करने के कारण भड़के कांट्रैक्ट सहित दर्जा चार कर्मियों ने शुक्रवार को यहां पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के आवास की ओर मार्च निकाला।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:42 PM (IST)
कांट्रैक्ट कर्मियों को चंडीगढ़ मीटिंग  के लिए बुलाया, वहां पूछा तक नहीं
कांट्रैक्ट कर्मियों को चंडीगढ़ मीटिंग के लिए बुलाया, वहां पूछा तक नहीं

जागरण संवाददाता, पटियाला : मेडिकल कालेज के 690 आउटसोर्स कोरोना वारियर्स को आगामी 30 सितंबर को नौकरी से फारिग करने के कारण भड़के कांट्रैक्ट सहित दर्जा चार कर्मियों ने शुक्रवार को यहां पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के आवास की ओर मार्च निकाला। हालांकि इस मौके पर नवजोत सिद्धू घर पर मौजूद नहीं थे। दर्जा चार यूनियनों के प्रदेश प्रधान दर्शन सिंह लुबाणा के नेतृत्व में कांट्रैक्ट मुलाजिमों ने राजिदरा अस्पताल से लेकर बारादरी बाग के साथ सिद्धू के आवास की तरफ जाने वाले रास्ते तक मार्च किया। वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया। उसके बाद मुलाजिमों को मीटिग आने को कहा। लुबाणा ने कहा कि वह दो बजे दोपहर चंडीगढ़ पहुंच गए। वहां कांग्रेस भवन के बाहर मीटिंग की आस में तीन घंटे इंतजार किया, इस दौरान किसी ने भी उन्हें मीटिंग के लिए नहीं बुलाया। इस पर उन्होंने वहीं सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और करीब सवा छह बजे वहां से लौट आए। उन्होंने कहा कि सरकार का ये रवैया ठीक नहीं है, उन्हें खुद मीटिंग के लिए चंडीगढ़ बुलाया गया था। आज के सरकार के इस रवैये से उन्हे काफी निराशा हुई।

मुलाजिम नेताओं ने कहा कि मार्च 2020 में कोरोना वायरस की बीमारी में मेडिकल कालेज के अधीन राजिदरा अस्पताल में स्पेशल कोरोना वार्ड बनाया गया और वहां पर मरीजों के इलाज सहित अन्य कार्यों के लिए कोरोना वारियर्स की भर्ती की। उनमें 270 नर्सिंग स्टाफ सदस्य, 330 दर्जा चार कर्मचारी के अलावा 90 टेक्निकल व आफिस स्टाफ शामिल रहे। इनमें से 35-40 टेक्निकल स्टाफ जो इस समय कोविड टेस्ट करने वाली वीआरडीएल लैब में काम कर रहा है, को काम करने के लिए आगे भी रखने को कहा गया है, क्योंकि कोविड के रोजाना जिले में दो हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं।

मुलाजिम नेताओं दर्शन सिंह लुबाणा, राम किशन के साथ स्वर्ण सिंह बंगा ने बताया कि वे पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं कि कांट्रैक्ट कर्मियों को पक्का किया जाए, आउटसोर्स को उनके विभागों के सिस्टम के अधीन लाया जाए और कोरोना योद्धाओं को वापस एडजस्ट किया जाए, नहीं तो वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उनका यह भी कहना है कि इस तरह के कर्मचारी केवल मेडिकल कालेज के अधीन ही नहीं हैं, बल्कि हर सरकारी विभाग में काम कर रहे हैं। इस लिए हरेक की सुनवाई की जाए।

chat bot
आपका साथी