टोकन सिस्टम के जरिए मंदिर में मत्था टेकेंगे श्रद्धालु

आठ जून को खुलने वाले उत्तरी भारत के प्राचीन मंदिर श्री काली देवी में माथा टेकने के लिए अब श्रद्धालुओं को टोकन लेना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 12:07 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 12:07 AM (IST)
टोकन सिस्टम के जरिए मंदिर में मत्था टेकेंगे श्रद्धालु
टोकन सिस्टम के जरिए मंदिर में मत्था टेकेंगे श्रद्धालु

सुरेश कामरा, पटियाला : आठ जून को खुलने वाले उत्तरी भारत के प्राचीन मंदिर श्री काली देवी में माथा टेकने के लिए अब श्रद्धालुओं को टोकन लेना होगा। उसके बाद उनको मंदिर के द्वार से लेकर भवन तक पहुंचने के लिए सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना होगा, जिसके लिए मंदिर प्रशासन निशान लगाएगा। किसी भी श्रद्धालु को मंदिर के भीतर बकरा, मुर्गा, शराब अथवा प्रसाद भीतर नहीं ले जा सकेगा। मंदिर को बंद हुए रविवार को 74वां दिन हो गया है और इस अवधि में मंदिर को कई बार सैनिटाइज किया गया है। अब मंदिर को खुलने से पहले सात जून को सैनिटाइज किया जाएगा। दूसरे शहरों सहित राज्यों से से आने वाले लोगों के लिए ऑनलाइन बुकिग करवाने पर भी विचार किया जा रहा।

ढाई करोड़ का नहीं चढ़ा चढ़ावा

मंदिर के बंद रहने के कारण जहां पटियाला के बल्कि पंजाब व अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था उनके मन में कैद रहीं वहीं दूसरी और कुछ श्रद्धालु क‌र्फ्यू खुलने के बाद बंद मंदिर के बाहर से नमन कर रहे हैं। मंदिर के भीतर लॉकडाउन से पहले की तरह रोजाना पूजा होती है। मंदिर के हवन कुंड के सामने हाल में शाम को कीर्तन भी किया जाता है। फर्क सिर्फ यह है कि अब श्रद्धालु मंदिर में नहीं आ रहे। मंदिर में आने वाला चढ़ावा करीब ढाई करोड़ का नुकसान हुआ है। मंदिर के बंद रहने के दौरान नवरात्र भी रहे हैं और नवरात्रों के दौरान काफी मात्रा में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। बात की जाए अगर शहर के प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब की तो वो बंद नहीं किया गया और श्रद्धालु वहां पर माथा टेकने आते रहे। वहां पर एकांतवास भी बनाया गया है।

शहरवासी खुश

अविनाश जैन जनरल सेक्रेटरी एसएस जैन सभा ने श्री काली देवी मंदिर खुलने की सूचना सुनकर खुशी जताई कि पटियालवी काफी समय से मंदिर खुलने की राह देख रहे थे। शहरवासियों की बहुत लंबे समय से आस्था जुड़ी हुई है। अमृतपाल सिंह लड्डू ने कहा मंदिर वैसे तो पहले ही खुल जाना चाहिए था, लेकिन लॉकडाउन के कारण एहतियात बरती गई है। खुशी की बात है कि उत्तरी भारत का एतिहासिक मंदिर खुल रहा है। .डिप्टी कमिश्नर के आदेश का पालन होगा : वालिया

एसडीएम ऑफिस के सुपरिटेंडेंट व मंदिर के सुपरवाइजर राजेश वालिया कहते है कि आठ जून को मंदिर खुलना तय है। डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर शोसल डिस्टेंस व मंदिर के भीतर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में पूरा ध्यान रखा जाएगा। टोकन सिस्टन लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

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