आपकी गाड़ी पर लगा पीजेपी या पुरानी सीरीज का वीआइपी नंबर जाली तो नहीं, करवाएं वेरीफिकेशन

यदि आपकी गाड़ी पर पीजेपी या फिर किसी पुरानी सीरीज का वीआइपी नंबर लगा हुआ है तो उसकी वेरीफिकेशन जरूर करवाएं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 01:05 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 01:05 AM (IST)
आपकी गाड़ी पर लगा पीजेपी या पुरानी सीरीज का वीआइपी नंबर जाली तो नहीं, करवाएं वेरीफिकेशन
आपकी गाड़ी पर लगा पीजेपी या पुरानी सीरीज का वीआइपी नंबर जाली तो नहीं, करवाएं वेरीफिकेशन

जागरण संवाददाता, पटियाला : यदि आपकी गाड़ी पर पीजेपी या फिर किसी पुरानी सीरीज का वीआइपी नंबर लगा हुआ है, तो उसकी वेरीफिकेशन जरूर करवाएं। क्योंकि आपकी गाड़ी पर लगा वीआइपी नंबर फर्जी भी हो सकता है। ऐसे ही एक मामले में त्रिपड़ी थाना की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए एजेंट तेजी को आज पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। हालांकि इससे पहले एजेंट पिछले पांच दिन से रिमांड पर चल रहा था। पर पुलिस इस मामले की छानबीन के चलते कोर्ट से ओर रिमांड भी मांग सकती है। सूत्रों अनुसार पीजेपी सीरीज के विभिन्न नंबरों की आरसी फर्जी तैयार की गई है। इसलिए आप अपनी गाड़ी पर लगे वीआइपी नंबर की वेरीफिकेशन जरूर करवाए। ताकि आपको गाड़ी पर लगे नंबर को लेकर किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े।

पुलिस ने जांच के लिए आरटीए दफ्तर से मांगा रिकॉर्ड

पीजेपी सीरीज के वीआइपी नंबर 32 ओर विभिन्न नंबरों को लेकर त्रिपड़ी थाना की पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। पड़ताल को लेकर पुलिस द्वारा आरटीए दफ्तर से पीजेपी सीरीज का रिकार्ड मांगा गया है। दूसरी ओर इस रिकार्ड को लेकर आरटीए दफ्तर चिता में है। क्योंकि लंबे समय से पीजेपी सीरिज का रिकार्ड दफ्तर से गायब है। अधिकारी इस सोच में पड़े है, कि रिकार्ड न होने के चलते वह पुलिस को क्या जवाब दें। क्योंकि बिना रिकार्ड के मामले की पड़ताल भी नहीं हो सकती। वहीं दूसरी ओर पुलिस इस उम्मीद में बैठी है कि अगर पीजेपी सीरिज का रिकार्ड दफ्तर से गायब है, तो दफ्तरी अधिकारियों द्वारा रिकार्ड गुम होने की पुलिस के पास एफआईआर दर्ज तो जरूर करवाई होगी। पर सूत्र यह भी बताते है कि पिछले समय में दफ्तरी अधिकारियों द्वारा रिकार्ड गुम होने की शिकायत भी पुलिस के पास दर्ज नहीं करवाई गई। फर्जी आरसी बनाने का मामला सामने आने के बाद ही दफ्तर के मौजूदा अधिकारियों को पता चला कि इस सीरीज का रिकॉर्ड दफ्तर में नहीं है। जिसके चलते अधिकारी इस मामले को लेकर परेशान है।

कोर्ट से की जाएगी आरोपित को रिमांड पर लेनी की मांग

आइओ अमर सिंह का कहना है कि काबू किए गए एजेंट तेजी पांच दिन के रिमांड पर था। मंगलवार को कोर्ट में पेश करके रिमांड की मांग की जाएगी। दूसरी ओर आरटीए दफ्तर से पीजेपी सीरीज का रिकार्ड मांगा गया है। अगर रिकॉर्ड गुम हो चुका है, तो अधिकारी या फिर कर्मचारी द्वारा पुलिस के पास एफआइआर दर्ज करवाई होगी। दफ्तर के जवाब से ही पता चलेगा कि उन्होंने गुम हुए रिकॉर्ड को लेकर क्या उचित कदम उठाए।

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