कोरोना पाजिटिव पत्नियों के लिए ढाल बने पति
सिविल अस्पताल नाभा में नर्सिग स्टाफ के रूप में काम करती पत्नी रतिंदर कौर की 29 अप्रैल को रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई।
जागरण संवाददाता, पटियाला : सिविल अस्पताल नाभा में नर्सिग स्टाफ के रूप में काम करती पत्नी रतिंदर कौर की 29 अप्रैल को रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई। वे 20 दिन तक आइसोलेशन में रही। ऐसे में पत्नी को कोराना मुक्त करने के लिए पति कुलबीर सिंह ढाल बनकर खड़े हो गए।
बच्चों का पालन पोषण व घर के काम जैसे कि खाना बनाना व बच्चों की आनलाइन ट्यूशन लगवाने जैसे काम खुद किए। कुलबीर सिंह ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं बेटी दस वर्ष और बेटा पांच साल है। दोनों के लिए खाना बनाना और दोनों की समय पर आनलाइन ट्यूशन क्लास लगवाता था। बच्चों के पालन पोषण के साथ साथ पत्नी की देखभाल भी करता था। पत्नी को समय पर दवा देना, हर दो-दो घंटे बाद कुछ न कुछ खाने को देना। कुलबीर ने बताया कि वह सुबह करीब पांच बजे उठ जाता था और घर की साफ सफाई के साथ दिन की शुरुआत होती थी। इसके बाद बच्चों के लिए खाना तैयार करता था। यही, नहीं बच्चों के कपड़े तक खुद धोए। कुलबीर ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता है और बच्चों की ख्याल व घर का कामकाज करने के साथ-साथ ड्यूटी का काम भी निपटाता था। एक महीने उसने अपने घर परिवार को संभाला। दिन रात मैं और बच्चे वाहेगुरु से अरदास करते थे कि रतिंदर जल्द स्वस्थ हो जाए। वाहेगुरु ने उनकी अरदास सुन ली। सरकारी ड्यूटी के साथ-साथ घर को भी संभाला
नाभा निवासी नरिदर मोहन शर्मा ने बताया कि 23 अप्रैल को उसकी पत्नी योगेश कौशल की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा योगेश को 17 दिन के लिए होम आइसोलेशन कर दिया गया। मोहन ने बताया कि वह खुद ईएसआइसी डिस्पेंसरी नाभा में ड्यूटी करता है और पत्नी के आइसोलेट होने के बाद एकदम से सारे घर की जिम्मेदारी उन पर आ गई। सुबह जल्द उठना, बेटे को नहाना, उसके लिए खाना बनाना। घर की सफाई आदि सारे काम वहीं करता था। इसके अलावा पत्नी के आसोलेट होने से उसका ख्याल रखना। उसे समय समय पर दवा देना। बच्चे की क्लास लगाना आदि सारे घर के काम का जिम्मेदारी उसी पर आ गई। इस दौरान मन में हमेशा यही रहा कि अपने घर को संभाला है। अब पत्नी भगवान की दया से पूरी तरह से स्वस्थ है।