पति का वार्ड आरक्षित हुआ तो, पत्नी को दी टिकट
नाभा नगर कौंसिल चुनाव के दौरान पति व पत्नी अलग अलग वार्डों से चुनाव लड़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : नाभा नगर कौंसिल चुनाव के दौरान पति व पत्नी अलग अलग वार्डों से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने वर्ष 2017 के चुनाव में साफ तौर पर एलान किया था कि पार्टी एक परिवार में दो टिकटें नहीं देगी जिसके चलते कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता नाराज हुए और एक हलके से उन्हें सीट भी छोड़नी पड़ी थी। अब पार्टी महिलाओं को 50 प्रतिशत के आरक्षण की बात कहते हुए पार्टी ने नाभा में 23 वार्डों में से 50 के बजाय 55 प्रतिशत महिलाओं को टिकटें बांटी हैं।
नाभा के वार्ड नौ से कांग्रेस पार्टी के रजनीश मित्तल एमसी रहे हैं और वे अब वार्ड से निर्विरोध एमसी चुने जा चुके हैं। उनका वार्ड 9 अब महिला के लिए आरक्षित हो गया है, तो पार्टी ने शेंटी की पत्नी ममता मित्तल को वार्ड 9 से उम्मीदवार घोषित कर दिया। वार्ड की महिला कांग्रेस वर्कर दबी जुबान में कह रही हैं कि पार्टी को पुराने वर्करों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए था। इस बारे में रजनीश ने कहा कि पार्षद रहते उन्होंने वार्ड में काफी काम करवाए थे। अब उनका वार्ड महिला आरक्षित हो गया था। वार्ड के लोग परिवार के सदस्य को चुनाव मैदान में उतारने को कह रहे थे तो पत्नी ममता मित्तल को मैदान में उतार दिया। एक परिवार के दो सदस्यों को टिकट बीते विधानसभा में नहीं देनी थी : रंधावा
इस बाबत नाभा की पार्टी आब्जर्वर गुरशरण कौर रंधावा ने कहा कि पार्टी से परिवार के दो सदस्यों को टिकट देने पर हाईकमान ने बीते विधानसभा चुनावों में ही फैसला लिया था। चूंकि अब यह चुनाव नगर कौंसिल का है तो हाईकमान ने उन्हें ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था कि एक परिवार से दो सदस्यों को टिकट नहीं देनी है। उन्होंने इस बाबत नाभा के विधायक व कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के साथ भी चर्चा की थी तो उन्होंने भी इस मामले पर कोई आपत्ति नहीं जताई।