दूसरी के बजाय पहली लहर अधिक प्रभावित साबित हुई

जिले में कोविड-19 की पहली लहर अगस्त से अक्टूबर 2020 के मध्य रही जबकि दूसरी लहर मार्च से मई 2021 तक रही।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:03 PM (IST)
दूसरी  के बजाय पहली लहर  अधिक प्रभावित साबित हुई
दूसरी के बजाय पहली लहर अधिक प्रभावित साबित हुई

सुरेश कामरा, पटियाला

जिले में कोविड-19 की पहली लहर अगस्त से अक्टूबर 2020 के मध्य रही जबकि दूसरी लहर मार्च से मई 2021 तक रही। दोनों अवधियों में कोविड मामलों की सेहत विभाग ने समीक्षा करके निष्कर्ष निकाला कि दूसरी लहर युवा वर्ग पर भारी नहीं पड़ी है। आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के बजाय पहली लहर अधिक प्रभावित साबित हुई है।

सेहत विभाग के अनुसार कोविड के केसों की प्रभावित दर दूसरी लहर के दौरान कम हुई है। पहली लहर में जहां 3.1 प्रतिशत थी वहीं दूसरी लहर के दौरान कम होकर 2.4 प्रतिशत रह गई है। 15-24 साल के उम्र वर्ग में कोविड की प्रभावित दर पहली लहर में 0.2 थी और 1362 मामलों में से तीन लोगों की मौत दर्ज की गई। वहीं, दूसरी लहर में यह दर 1985 संख्या के मुकाबले तीन लोगों की मौत रह गई। पहली लहर में प्रति मौत 454 कोविड केसों में एक रही जबकि दूसरी लहर में प्रति मौत 695 केसों में एक दर्ज हुई।

इसी तरह ही बात करें 55 और इस से अधिक उम्र वर्ग के कोविड पाजिटिव मामलों की तो दूसरी लहर में यह 26.65 प्रतिशत रही और पहली लहर में 22.03 प्रतिशत थी। पहली लहर में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मौैत प्रतिशतता अधिक रहीं। पहली लहर में महिलाएं 3.5 प्रतिशत प्रभावित रहीं तो पुरुष 2.9 प्रतिशत थे। जबकि दूसरी लहर में पुरुष और महिलाएं दोनों में कम होकर 2.3 प्रतिशत रह गई।

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