36 कस्बे व गांव हाटस्पाट के लिए अंकित
शहर के नजदीकी कस्बे व गांवों से काम के लिए बाहर निकलने वाले लोग अब गांवों में कोविड के फैलाव का कारण बनने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : शहर के नजदीकी कस्बे व गांवों से काम के लिए बाहर निकलने वाले लोग अब गांवों में कोविड के फैलाव का कारण बनने लगे हैं। सरहिद रोड, राजपुरा व नाभा रोड के कुछ गांवों में मिले संक्रमण के मरीजों से इसकी तस्वीर साफ हुई है कि वहां के कुछ लोग न केवल पटियाला शहर में काम के लिए आते हैं बल्कि वे नजदीकी इलाकों की कुछ फैक्ट्रियों सहित कुछ अन्य जगहों पर रोटी रोजी का जुगाड़ करने के लिए आते हैं। सेहत विभाग ने इस तरह के 36 कस्बे व गांवों अंकित किया है जो कोविड के लिए हाटस्पाट बन रहे हैं।
उनमें भादसों, बहादुरगढ़, घनौर, शंभू, कौली, देवीगढ़, सनौर, धबलान, रखड़ा, समसपुर, चौरा, बरनाखेड़ी, हसनपुर, बारन, शुतराना, चौंहठ, हरियाऊ, खुर्द, कुतबनपुर, लौट, अजनौदा, मंडौड़, कालोमाजरा, झांसला, सैदखेड़ी, हरपालपुर, घग्गर सराय, रुड़की, संधारसी, दूधनसाधां, खटकड़कलां, सवायसिघ वाला, बिजल, अकबरपुर, अफगाना, देवीगढ़ व जोगीपुर गांव शामिल है। उक्त गांवों में से अजनौदा गांव में 13 लोगों की मौत हो चुकी है और शनिवार को 120 लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया है। इसी तरह ही गांव लौट व धबलान में अधिक पाजिटिव केस आने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया है। सेहत विभाग के अधिकारी मानते है कि शहरों के नजदीकी गांवों में संक्रमण के वो केस सामने आए हैं जो लोग गांवों से फैक्ट्रियों में काम करने के लिए आते हैं। घनौर, शंभू, कौली व घनौर इलाकों से काफी लोग अंबाला शहर के इलाकों में काम के लिए निकलते हैं। वे भी वहां से संक्रमित होकर अपने घरों में लौट रहे हैं और वे संक्रमण के फैलाने का कारण बन रहे हैं।