शिअद ने जुनेजा परिवार पर फिर जताया विश्वास, पटियाला से होंगे उम्मीदवार

शिरोमणि अकाली दल ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पटियाला सिटी सीट से अपना प्रत्याशी हरपाल जुनेजा को घोषित किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:37 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:37 PM (IST)
शिअद ने जुनेजा परिवार पर फिर जताया 
विश्वास, पटियाला से होंगे उम्मीदवार
शिअद ने जुनेजा परिवार पर फिर जताया विश्वास, पटियाला से होंगे उम्मीदवार

जागरण संवाददाता, पटियाला : शिरोमणि अकाली दल ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पटियाला सिटी सीट से अपना प्रत्याशी हरपाल जुनेजा को घोषित किया है। हरपाल जुनेजा पटियाला शहरी अकाली दल के प्रधान भी हैं। अकाली दल ने पटियाला सिटी से अपना उम्मीदवार घोषित करके अन्य राजनीतिक दलों पर इस संबंध में बढ़त बनाई है क्योंकि किसी अन्य राजनीतिक दल ने अब तक पटियाला सिटी से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

शिरोमणि अकाली दल ने दूसरी बार जुनेजा परिवार को विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाने का मौका दिया है। इससे पहले साल 2014 के विधानसभा उप चुनाव में हरपाल जुनेजा के पिता भगवान दास जुनेजा को अकाली दल ने अपना उम्मीदवार बनाया था। तब भगवान दास जुनेजा का मुकाबला कांग्रेस की उम्मीदवार परनीत कौर के साथ था हालांकि भगवान दास जुनेजा को तब हार झेलनी पड़ी थी। अब वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अकाली दल ने भगवान दास जुनेजा के पुत्र हरपाल जुनेजा को अपना उम्मीदवार बनाया है। हरपाल जुनेजा को वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का करीबी माना जाता है। जुनेजा परिवार के जरिए खेला हिदू कार्ड

अकाली दल पार्टी के जानकार बताते हैं कि जुनेजा परिवार को पार्टी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। इससे पहले पटियाला सिटी के चुनावी इतिहास में अकाली दल ने किसी हिदू चेहरे को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। कांग्रेस के पास विकास के नाम पर कुछ नहीं : जुनेजा

अकाली दल के उम्मीदवार हरपाल जुनेजा ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां पटियाला शहर से रहे हैं वहीं दो-दो कैबिनेट मंत्री भी पटियाला शहर से ही मौजूदा सरकार में रह चुके हैं। इसके बावजूद पटियाला शहर में विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया। इन दिनों कांग्रेस के अंतरकलह ने पटियाला शहर की डवलपमेंट के प्रति सरकार के रुख की स्थिति को और ज्याद बिगाड़ दिया है। हरपाल जुनेजा ने कहा कि न तो मेयर ही शहर के विकास की ओर ध्यान दे रहे हैं और न ही विभिन्न विभागों के चेयरमैन। यह सब अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। इनको चाहिए कि अगर इन्होंने पटियाला शहर की सुविधा के लिए काम नहीं करना है तो इन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। राज्य में अकाली दल की सरकार बनने के बाद शहर के विकास पर तरजीह दी जाएगी।

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