भगत चन्न मल के चौबारे में ठहरे थे गुरु नानक देव जी

नाभा शहर के गांव छींटावाला वासी भगत चन्न मल के घर में पहुंचे तो भगत जी ने बड़े सम्मान व श्रद्धा से गुरु जी को अपने चौबारे में ठहराया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 11:01 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 11:01 PM (IST)
भगत चन्न मल के चौबारे में ठहरे थे गुरु नानक देव जी
भगत चन्न मल के चौबारे में ठहरे थे गुरु नानक देव जी

यादविदर गर्गस, (नाभा) पटियाला

गुरु नानक देव जी ने विश्व के लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का उपदेश देते हुए नाभा शहर के गांव छींटावाला वासी भगत चन्न मल के घर में पहुंचे तो भगत जी ने बड़े सम्मान व श्रद्धा से गुरु जी को अपने चौबारे में ठहराया था। उस समय मंसूर अली खान काकडे़ वाले राजपूत के कब्जे में होने के कारण इस गांव का नाम मंसूरपुर था। समय के साथ इस शहर को बाबा बंदा सिंह बहादुर ने मुक्त करवावा और खालसा राज स्थापित किया। आज भी भगत चन्न मल के निवास स्थान पर गुरुद्वारा श्री चौबारे साहिब हैं।

जिस भगत के चौबारे में गुरु नानक देव जी ठहरे थे, उस भगत ने खुशी में ब्रह्मा भोज किया था, जिसमें सभी धर्मों के लोगों को निमंत्रण दिया गया। भगत जी के घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो ब्राह्माणों ने कहा था कि अब तुम्हारे घर सूतक हो गया है। अब यह अपवित्र भोजन नही खाएंगे। यह सुनकर गुरु नानक देव जी ने 'आसां दी वार' के पवित्र शब्द कहे तो ब्राह्माणों के मन का भ्रम दूर हुआ। गुरु जी इस चौबारे में 17 दिनों तक रहे थे। यहां भगत जी के परिवार राजकुमार के पास गुरु नानक देव जी की खड़ावां सुशोभित हैं जो उन्हें भगत जी ने दी थीं। अब वहां पर एक गुरुद्वारा है जिसमें सरोवर बना हुआ है। गुरुद्वारा साहिब की सेवा कर रहे बाबा बलवीर सिंह व बाबा हरदीप सिंह ने बताया की पिछले साल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने गांव के विकास करने के लिए आठ करोड़ रूपये खर्च करने को कहा था। इसके तहत गुरुद्वारा साहिब रोड पर इंटरलाकिग टाइलस की सड़क बनाना, चार गेट बनाना, सीवरेज, स्टेडियम, शमशानघाट में पार्किग का काम करवाना था, परंतु एक साल बाद केवल श्मशानघाट व पार्किग बनाने के अलावा अधूरा स्टेडियम पड़ा है और बाकी कोई काम नहीं हो पाया। बाबा हरदीप सिंह ने बताया कि 29 नवंबर को नगर र्कीतन सजाया गया और 30 नवंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह गुरुद्वारा साहिब में आनलाइन संबोधित करेंगे।

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