मंडियों में खरीद प्रबंधों के सरकार के दावे हुए खोखले साबित

पंजाब की अनाज मंडियों में सरकार की तरफ से बढि़या खरीद प्रबंधों के किए जा रहे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:15 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:15 AM (IST)
मंडियों में खरीद प्रबंधों के सरकार के दावे हुए खोखले साबित
मंडियों में खरीद प्रबंधों के सरकार के दावे हुए खोखले साबित

संस, राजपुरा (पटियाला): पंजाब की अनाज मंडियों में सरकार की तरफ से बढि़या खरीद प्रबंधों के किए जा रहे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इन शब्दों का प्रकटावा स्थानीय अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के राज्य कमेटी मेंबर हरजीत सिंह टहलपुरा ने किया। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब सरकार ने खरीद ही 10 दिन पीछे डाल दी। अब कोरोना का डर दिखाकर मंडियों के पास प्रणाली लागू करके किसानों को ओर परेशान किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि वे बीते दो, तीन दिनों से अपनी फसल लेकर धूप में बैठे हैं, लेकिन फसल बेचने के लिए उनसे कोई नहीं मिल रहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पास भी सिफारिशें किसानों को मिल रही हैं। किसानों ने कहा कि सरकारी प्रोग्रामों में सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जहां सैंकड़ों लोग बिना मास्क और सामाजिक दूरी पर शामिल हो रहे हैं। क्या वहां कोरोना नहीं है और मंडियों में कोरोना आ घुसा है। इस मौके किसान नेता उजागर सिंह, हरप्रीत सिंह मदनपुर, जसमेर सिंह कबूलपुर, दविदर सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेता मौजूद थे।

उधर, जिले की मंडियों में गेहूं की फसल की आमद शुरू हो चुकी है। मौजूदा समय में मंडियों में बारदाने की कमी सामने आ रही है। हालांकि इस फूड एंड सिविल सप्लाई महकमे के अधिकारी बारदाने की कमी को सिरे से नाकार रहे है। दूसरी ओर अलग-अलग खरीद एजेंसियों के अधिकारियो का कहना है कि फिलहाल जितना बारदाना मंडियों में चाहिए, उतना नहीं है। हालांकि मंडियों में फसल की खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जानकारी के अनुसार अगर इसी तरह बारदाने रहती है तो अगले दिनों में अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि दिन प्रति दिन गेहूं की फसल में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। फूड एंड सिविल सप्लाई से जिला खुराक सप्लाई अफसर हरशरनजीत सिंह बराड़ ने का कहना है कि मंडियों में बारदाने की कमी का कोई मामला उनके पास नहीं आया है। न ही मंडियों में बारदाने की कोई कमी है। मौजूदा समय में जिला की मंडियों में जितना बारदाना चाहिए, उतना डिपार्टमेंट के पास है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बारदाने को स्टोर करना चाहते है, वहीं बारदाने की कमी का झूठी खबरें फैलाते हैं। हालांकि दूसरी ओर मार्कफैड के डीएम विपन सिगला का कहना है कि जिला में 38 फीसद बारदाना है, जबकि 70 फीसद से ज्यादा चाहिए। डीएम ने कहा कि कोविड-19 के चलते बारदाने की कमी आ रही है पर इस कमी को दूर करने के लिए रोजाना अधिकारियों से बातचीत कर बारदाना रोजाना मंगवाया जा रहा है ताकि अगले दिनों में कोई परेशानी न उठानी पड़े।

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