विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिली पूरी, शिक्षा रहेगी अधूरी

सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के मकसद से अध्यापकों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने बचों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:21 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:21 AM (IST)
विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिली पूरी, शिक्षा रहेगी अधूरी
विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिली पूरी, शिक्षा रहेगी अधूरी

गौरव सूद, पटियाला

सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के मकसद से अध्यापकों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर सेशन शुरू होने के बावजूद स्टूडेंट्स के पास सभी विषयों की पूरी किताबें नहीं पहुंच रही।

जानकारी के अनुसार अब तक छठी कक्षा के विद्यार्थियों को स्वागत जिदगी, इंग्लिश और साइंस (इंग्लिश मीडियम), नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अब तक गणित (पंजाबी मीडियम) और साइंस (इंग्लिश मीडियम) और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को सामाजिक शिक्षा (पंजाबी मीडियम) और (इंग्लिश मीडियम) जैसे महत्वपूर्ण विषयों के किताबें नहीं पहुंची। जिस कारण विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं। वहीं, दूसरी ओर विभाग का दावा है कि सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ने के कारण किताबों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि सेशन शुरू हुए लगभग तीन महीने बीतने के बाद भी अब तक राज्य भर में 20 प्रतिशत किताबों की कमी है। दसवीं तक विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें मुहैया करवाता है विभाग

पंजाब सरकार द्वारा मुफ्त शिक्षा स्कीम अधीन प्राइमरी से दसवीं स्तर तक विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें मुहैया करवाई जाती हैं। अक्सर हर साल बच्चे आधी अधूरी किताबों के साथ पढ़ाई शुरू करते हैं। यह स्थिति केवल कुछ महीने नहीं बल्कि सेशन के खत्म होने तक रहती है। इससे बच्चे को परेशानी झेलनी पड़ती है। साथ ही अध्यापकों और दफ्तरी कर्मियों के लिए बड़ी परेशानी बनी रहती है। हर साल विभाग की लेटलतीफी का नतीजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। शिक्षा विभाग विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं है। इसका सुबूत सेशन तीन महीने बीतने के बावजूद किताबें न पहुंचने से मिलता है। विभाग को चाहिए कि हर साल सेशन शुरू होने से पहले संबंधित जिलों में किताबों की सप्लाई सुनिश्चित करे।

विक्रम देव सिंह, प्रदेश प्रधान, डीटीएफ जैसे-जैसे अलग-अलग स्कूलों और ब्लाकों की तरफ से किताबों की डिमांड भेजी जा रही है, उस मुताबिक किताबें भेजी जा रही हैं। ज्यादातर किताबों की सप्लाई हो चुकी है, जो कुछ किताबें रह गई हैं उनकी सप्लाई भी आने वाले दिनों में हो जाएगी।

जतिंदर सिंह सोढी, क्षेत्रीय मैनेजर, पंजाब स्कूल शिक्षा स्कूल

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