एजेंडेस बाहर चुनाव करवाने पर कानूनी नोटिस भेज कार्रवायी करने की मांग

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट सुनैना बनूड़ ने लोकल बाडी के चुनाव का मामला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:51 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:51 PM (IST)
एजेंडेस बाहर चुनाव करवाने पर कानूनी नोटिस भेज कार्रवायी करने की मांग
एजेंडेस बाहर चुनाव करवाने पर कानूनी नोटिस भेज कार्रवायी करने की मांग

संस, राजपुरा (पटियाला) : पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट सुनैना बनूड़ ने लोकल बाडीज विभाग के सेक्रेटरी, स्टेट इलेक्शन कमिशन, लोकल बाडी डायरेक्टर, डीसी, कनवीनर कम एसडीएम, नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजकर बीती 12 अप्रैल को एजेंडे के बाहर जाकर सीनियर उप प्रधान के हुए चुनाव करने को लेकर चुनाव प्रक्रिया अथवा सीनियर उप प्रधान का चुनाव रद करने की मांग की है। इस संबंधी सात दिनों में एक्शन लेने की मांग की गई है।

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट सुनैना ने क्लाइंट पूर्व पार्षद पवन मुखीजा, पार्षद रविद्र सिंह, एडवोकेट उपकार सिंह की मार्फत कानूनी नोटिस भेजकर बताया कि बीती नौ अप्रैल को नगर कौंसिल की तरफ से नवनियुक्त पार्षदों को भेजे गए एजेंडा में सुबह दस बजे नगर कौंसिल पहुंचने को कहा गया था ताकि कौंसिल प्रधान, उप प्रधान का चुनाव करवाया जा सके। इस चुनाव को संपन्न करवाने संबंधी डिप्टी कमिश्नर पटियाला ने राजपुरा के एसडीएम को कनवीनर नियुक्त किया था। इसलिए चुनाव संबंधी मीटिग में एजेंडे मुताबिक ही कार्यवाही की जानी चाहिए थी। परंतु मीटिग में प्रधान, उप प्रधान के अलावा सीनियर उप प्रधान का चुनाव कर लिया गया है, जबकि एजेंडे में सीनियर उप प्रधान के चुनाव का जिक्र तक नही था। इसलिए सारी चुनावी प्रक्रिया मनमानी, गैरकानूनी, अनुचित और वैध नही है। इसलिए सारी चुनावी प्रक्रिया अथवा सीनियर उप प्रधान पद के चुनाव को रद्द किया जाए। सूत्रों का कहना है कि साल 2015 के नगर कौंसिल चुनावों के बाद तत्कालीन अकाली भाजपा ने भी सीनियर उप प्रधान पद का सृजन करने की मांग करने पर लोकल बाडीज विभाग ने नियमों का हवाला देकर सीनियर उप प्रधान पद सृजन करने से मना कर दिया था।

क्या बोले थे कार्यकारी अधिकारी

इस संबंधी बीते दिनों नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी रवनीत सिंह ने बताया कि नियमों मुताबिक दो उप प्रधान चुने गए हैं, जिसको वोट अधिक मिले हों उसको सीनियर उप प्रधान माना जाता है, एजेंडा सिर्फ चुनाव संबंधी था, जिसमें दो उप प्रधानों के चुनाव करवाने संबंधी जिक्र की जरुरत नही होती, 74 वें संविधान संशोधन के बाद पोस्टों को बढ़ाया गया था। म्यूनीसिपल एक्ट में प्रोविजन है कि दो उप प्रधानों का चुनाव करवाया जा सकता है, क्योंकि उप प्रधान की पोस्ट संवैधानिक नही होने से अलग से किसी तरह का भत्ता मिलता, लेकिन भत्ते वाली पोस्ट होने की स्थिति में मंजूरी लेने की जरूरत पड़ती।

chat bot
आपका साथी