सैलरी दिला नहीं पाए, वोट मांगने भी न आएं

पंजाबी यूनिवर्सिटी स्टाफ को समय पर सैलरी दिलाने में यूनिवर्सिटी की सभी जत्थेबंदियां फेल साबित हो चुकी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 06:31 AM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 06:31 AM (IST)
सैलरी दिला नहीं पाए, वोट मांगने भी न आएं
सैलरी दिला नहीं पाए, वोट मांगने भी न आएं

जागरण संवाददाता:पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी स्टाफ को समय पर सैलरी दिलाने में यूनिवर्सिटी की सभी जत्थेबंदियां फेल साबित हो चुकी हैं। जिसके चलते मुलाजिमों में फरवरी में नान टीचिग संघ के होने वाले चुनाव का विरोध होना शुरू हो चुका है। वीरवार को हुई नान टीचिग संघ की जनरल बाडी की मीटिग के बाद यूनिवर्सिटी के पब्लिकेशन ब्यूरो के सभी कर्मचारियों द्वारा सर्कुलर जारी करके कहा गया कि उनके विभाग में कोई भी मुलाजिम नेता वोट मांगने के लिए न आएं।

पंजाबी यूनिवर्सिटी के पब्लिकेशन ब्यूरो द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि वोट मांगने वाली पार्टियां हमारे दफ्तर में वोट मांगने के लिए न आएं। क्योंकि कोई भी प्रधान या नुमाइंदा ऐसा नहीं पाया गया जो मुलाजिमों को समय पर सैलरी जारी करवा सके, बाकी मांगें तो क्या पूरी होंगी। स्टाफ का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी ओर से इलेकशन का पूर्ण तौर पर बायकाट रखा जाएगा। हालांकि कुछ मुलाजिम इस सर्कुलर को झूठा करार दे रहे है।

वीरवार को हुई जनरल बाडी की मीटिग में मौजूदा प्रधान राजिदर राजू, पुष्पिंदर बराड़ व बब्बी ग्रुप के सदस्यों ने पिछले समय में करवाए मुलाजिम कार्यों का गुणगान किया। इस दौरान मीटिग में बराड़ ग्रुप के कुछ सदस्यों ने ए क्लास अफसर एसोसिएशन के प्रधान गुरिदरपाल सिंह बब्बी नान टीचिग संघ में दखल देने पर एतराज जताया तो बब्बी ग्रुप से धर्मिंदर पन्नू ने दावा किया कि पुष्पिंदर बराड़ को प्रधान पद दिलाने में गुरिदरपाल सिंह बब्बी का ही हाथ था, इसलिए बब्बी का विरोध सही नहीं। पन्नू ने कहा कि गुरिदरपाल सिंह बब्बी इंप्लाइज डेमोक्रेटिक फ्रंट के संरक्षक भी हैं।

उधर, मौजूदा प्रधान राजिदर राजू का कहना था कि जो काम उन्होंने करवाए हैं, सभी मुलाजिमों को जानकारी है अगर मुलाजिम चाहेंगे तो वह फिर प्रधानगी पद पर नियुक्त होंगे। इसी तरह पूर्व प्रधान पुष्पिंदर बराड़ ने भी अपने कार्यकाल दौरान करवाए मुलाजिम कार्यों का जिक्र किया। उधर, मीटिग के दौरान अवतार सिंह को इलेक्शन कमिश्न चुना गया था पर मुलाजिमों के एतराज के बाद यह फैसला भी पेंडिग रख दिया गया।

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