जाली आइडी बनाकर 15 लाख का लिया लोन, खरीदी हार्ले डेविडसन बाइक

पटियाला के युवक ने आधार कार्ड पर फोटो और पता बदलकर जाली आइडी तैयार की

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 12:31 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 12:31 AM (IST)
जाली आइडी बनाकर 15 लाख का लिया लोन, खरीदी हार्ले डेविडसन बाइक
जाली आइडी बनाकर 15 लाख का लिया लोन, खरीदी हार्ले डेविडसन बाइक

जागरण संवाददाता, पटियाला

पटियाला के युवक ने आधार कार्ड पर फोटो और पता बदलकर जाली आइडी तैयार की और 15 लाख रुपये का लोन लेने के बाद ऐश परस्ती के लिए हार्ले डेविडसन बाइक खरीद लिया। इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब असली आधार कार्ड होल्डर के एकाउंट से लोन की किस्त कटनी शुरू हो गई। आधार नंबर बैंक से लिक था और आटोमेटिक रूप किस्त उसके खाते से कटनी शुरू हो गई। बैंक जाने पर पता चला कि उनके नाम पर 15 लाख रुपये का लोन है, जबकि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया था। इस तरह की ठगी करने के मामले में थाना त्रिपड़ी पुलिस ने बिक्रमजीत सिंह निवासी मकान न्यू बस्ती बडूंगर खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करके आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।

पीड़ित बिक्रमजीत सिंह निवासी बटाला जिला गुरदासपुर ने बताया कि उनका बटाला में एयर टिकट बुकिग और वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर का काम है। करीब एक साल पहले अचानक उनके अकाउंट से करीब तीस हजार रुपये कट गए। जिसके बाद जब वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम पर करीब 15 लाख रुपये का लोन है, जबकि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया था। इसके बाद उन्होंने पटियाला की लोन पास करने वाली बैंक ब्रांचों से संपर्क किया। इसके बाद खुलासा हुआ कि आरोपित ने उनके नाम पर दो विभिन्न बैंकों से करीब 15 लाख रुपये का लोन लिया हुआ है। जिसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस के पास दर्ज करवाई और ने जांच के बाद आरोपित खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। -- लोन के पैसों से खरीदी ऐशो आराम की चीजें

बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि बैंक पर संपर्क करने पर पता चला कि आरोपित ने लोन के पैसों से हार्ले डेविडसन बाइक समेत एशो आराम की चीजें खरीदी। इसके अलावा करीब दो से तीन लाख रुपये का पर्सनल लोन के तहत भी लिए। फिलहाल बैंक द्वारा उनके पैसे रिफंड कर दिए गए हैं।

--- मिलते जुलते नाम के आधार कार्ड किया एडिट

आरोपित ने अपने नाम से मिलता जुलता आधार कार्ड ढूंढकर उसकी फोटो बदलकर बैंक कर्मचारियों को धोखा देते हुए 15 लाख रुपये का लोन ले लिया। आरोपित का नाम आधार कार्ड होल्डर से मिलता जुलता था, जिसके चलते बैंक को भी शक नहीं हुआ और बिना पूरी तरह से वेरिफाई किए बैंक ने लोन पास कर दिया।

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