बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंची फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन

इंडस्ट्री को लेकर आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सोमवार को फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफपीआइए) के सदस्यों ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मीटिग की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:55 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:55 PM (IST)
बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री के 
पास पहुंची फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन
बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंची फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन

प्रेम वर्मा, पटियाला

इंडस्ट्री को लेकर आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सोमवार को फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफपीआइए) के सदस्यों ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मीटिग की। इस दौरान सीएम ने चर्चा के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि इंडस्ट्री के मसलों को पहल के आधार पर हल किया जाएगा। फोकल प्वाइंट के हालातों को जल्द बदलेंगे। एफपीआइए के प्रधान रोहित बांसल व महासचिव अश्वनी गुप्ता के साथ टीम के सदस्यों ने चंडीगढ़ में यह मीटिग की थी, जिसके बाद सोमवार शाम को लौटने के बाद जनरल हाउस मीटिग रखी गई। जनरल हाउस की मीटिग में परमजीत सिंह, साहिल गर्ग, प्रदीप मल्होत्रा, नरेश गुप्ता, अशोक सिगला, आदर्शपाल सिंह सोढी, अरुण गुप्ता सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

महासचिव ने कहा कि सीएम को बताया गया कि सरकार ने पांच रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने का वादा किया था, जिसे तुरंत लागू किया जाए। बिजली बिलों पर फिक्स्ड चार्जेज से अगले पांच साल के लिए छूट मिले। 100 किलोवाट लोड वाले मामलों में सात रुपये यूनिट लिया जाना भी बंद किया जाए। पावरकाम से आग्रह है कि एमएमसी को खत्म किया जाए ताकि इंडस्ट्रियल कंज्यूमर को फायदा मिल सके। कहा कि पीएसपीसीएल द्वारा हर साल सभी उपभोक्ताओं से ली जाने वाले सिक्योरिटी चार्ज बढ़ा रहा है। इंडस्ट्री के साथ ऐसा करना उचित नहीं है। ये मांगें रखी सीएम के पास

1. पुराने वैट मामलों के लिए सरकार समय समय पर वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम लेकर आ जाती है। इसलिए निवेदन है कि साल 2014-15, 15-16 और 2016-17 के पुराने वैट मामलों को क्लियर किया जाए ताकि पंजाब के डीलर्स सभी पेंडिग वैट मामलों को क्लियर कर सकें।

2. सरकार द्वारा इंकम टैक्स अदा करने वालों पर प्रोफेशनल टैक्स थोपा गया है। इसे खत्म किया जाए।

3. ऊपरी खर्चो और मैन्युफेक्चरिग सेक्टर में मंदी से कई उद्योगपतियों को व्यापारिक गतिविधियां मजबूरन शुरू करनी पड़ी हैं। पर बदलाव नीति न होने से यूनिट होल्डर्स पूरी तरह से व्यापारिक गतिविधियां करने में असमर्थ हैं। इसलिए आग्रह है कि फोकल प्वाइंट्स के लिए सीएलयू पालिसी लाई जाए ताकि इंडस्ट्रियल प्लाट्स को कानूनी तौर पर कामर्शियल गतिविधियों के लिए प्रयोग किया जा सके। साथ ही केंद्र सरकार ने ट्रेडर्स, डीलर्स को एमएसएमई स्कीम के अधीन पहले से ही शामिल किया है और यहां भी ऐसा होना चाहिए।

4. पीएसआईईसी ने एसोसिएशन को 1000 स्क्वायर यार्ड प्लाट साल 2014-15 में वेलफेयर मकसद से अलाट किए थे। क्योंकि ये एक नान प्रोफिट संस्था है, इसलिए हितधारकों के फायदे के लिए ये मांग है कि बेसिक प्राइज 500 रुपए प्रति स्क्वायर यार्ड रखा जाए। ये एक खाली प्लाट है, इसलिए अगर सरकार इस मांग को मानकर जरूरी आदेश देती है तो एसोसिएशन प्लाट पर जल्द निर्माण कार्य शुरू कर देगी। इसलिए एसोसिएशन ने पहले ही तीन लाख रुपये जमा किए हैं।

5. फोकल प्वाइंट में 400 इंडस्ट्री हैं, जिसमें 20 हजार के करीब श्रमिक काम करते हैं। यहां इमरजेंसी मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं। इसलिए यहां ईएसआइसी डिस्पेंसरी की सुविधा शुरू करवाई जाए।

6. पटियाला-सरहिद रोड पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा है और जरूरत के मुताबिक इस सड़क को चौड़ा भी नहीं किया गया। इसलिए यहां फोर लेन किया जाए। इस सड़क को सीधे दिल्ली अमृतसर नेशनल हाईवे के साथ जोड़ा जाए।

7. टाउन और कंट्री प्लानिग पंजाब के डायरेक्टोरेट द्वारा ग्रामीण व कृषि जोन में इंडस्ट्री डेवलपमेंट को लेकर कुछ हिदायतें जारी की थी और उसी नोटिफिकेशन को इंडस्ट्री जोन के लिए भी लागू करने को कहा गया जोकि इंडस्ट्री विरोधी फैसला है। इस फैसले को रिव्यू करें।

8. सरकार से आग्रह है कि प्रापर्टी टैक्स के पेंडिंग मामलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट पालिसी लाई जाए।

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