सूरजमुखी की फसल से अच्छी कमाई कर रहे किसान
कृषि विभाग की ओर से किसानों को मौसम के मुताबिक फसल लगाने व उनके रखरखाव के लिए सेमिनार लगाकर जागरूक किया जाता है।
संस, राजपुरा (पटियाला) : कृषि विभाग की ओर से किसानों को मौसम के मुताबिक फसल लगाने व उनके रखरखाव के लिए सेमिनार लगाकर जागरूक किया जाता है ताकि हर किसान अपने खेतों में मौसम के बदलाव को लेकर ही फसलों की बिजाई के साथ अच्छी कमाई कर सके। विभाग की मेहनत उस वक्त रंग ला रही है जब किसान धान की फसल से पहले अपने खेतों में सूरजमुखी की फसल लगाकर अच्छी कमाई की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं।
राजपुरा के नजदीक गांव जंगपुरा, जलालपुर, फतेहपुर, गढ़ी, बल माजरा, बूटा सिंह वाला, बनूड़, बसी डाडयां, राम नगर, झांसली, झांसला, बाकरपुर में आजकल किसान सूरजमुखी फसल की खेती कर रहे हैं जिसके लगने से किसानों को अच्छी कमाई हो रही है। किसान व आढ़ती ओमप्रकाश झांसला ने बताया कि गेहूं की फसल के बाद किसानों की जमीन दो महीने के लिए खाली रहती है। इसलिए उस समय में किसान या तो सब्जियों की खेती करते थे, जिसकी कीमत समय के साथ कम होने से किसानों को भारी भरकम नुक्सान भी उठाना पड़ता था। लेकिन अब किसानों द्वारा लगाई जा रही सूरजमुखी की फसल वरदान साबित हो रही है।
किसान मनजीत सिंह का कहना है कि किसानों को सूरजमुखी की फसल लगाने के लिए एक किल्ले का सात से आठ हजार रुपये तक खर्च आता है, मगर इसके रेट एक होने के कारण एक किल्ले से पांच क्विंटल या उससे ज्यादा भी सूरजमुखी की फसल निकलने से अच्छी कमाई हो रही है इतना ही नहीं मार्केट में सूरजमुखी की कीमत अच्छे बीज पर निर्धारित करती है जो 900 से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल तय होती है। किसान बोले-नुकसान होने पर भी लेबर का खर्च निकल जाता है
किसान जसविदर सिंह का कहना है कि सूरजमुखी की फसल कम खर्च में लगने से होने वाले नुकसान के बाद भी सीजन में लेबर का खर्च निकल जाता है और किसान अपनी जरूरतों को पूरा कर लेते हैं। किसान हरदेव सिंह का कहना है कि जून महीने की 15 तारीक तक फसल तैयार हो जाती है जिसे किसान मंडियों में लाना शुरू कर देते हैं किसानों को एक किले से करीब 15 से 20 हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है, जबकि जो लोग ठेके पर जमीन खरीदकर सूरजमुखी की फसल का कारोबार करते हैं उनको अच्छी कमाई होने के साथ उनके परिवार का गुजारा भी अच्छी तरह से चलता रहता है।