सीधी अदायगी के पोर्टल संबंधी अधूरी जानकारी से हो रही परेशानी
मंडियों में जहां बारदाने की समस्या बनी हुई है वहीं सीधी अदायगी के पोर्टल को लेकर भी किसान परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : मंडियों में जहां बारदाने की समस्या बनी हुई है, वहीं सीधी अदायगी के पोर्टल को लेकर भी किसान परेशान हैं। जानकारी के अनुसार सीधी अदायगी को लेकर आढ़ती, खाद्यापूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर, मार्किट कमेटी अधिकारी व किसान परेशान हैं। कारण ये है कि सीधी अदायगी के पोर्टल में किसान का फसल संबंधी पूरा ब्योरा फीड करना पड़ता है। जिसकी जानकारी फिलहाल सभी को कम है। जिसके चलते यह ब्योरा फीड करने में परेशानी हो रही है।
गेहूं की फसल की सीधी अदायगी की प्रक्रिया आढ़ती से शुरू होती है। संबंधित आढ़ती किसान की फसल संबंधी पूरा ब्योरा अपने पोर्टल पर अपलोड करेगा। इसके बाद इस ब्योरे की वेरीफिकेशन मार्किट कमेटी अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इसके बाद फूड एंड सिविल सप्लाई के इंस्पेक्टर वेरीफाई करेंगे। इसके बाद विभाग के सीनियर अधिकारी वेरीफाई करते हैं और आखिर में दोबारा संबंधित आढ़ती द्वारा अपने पोर्टल पर पेनाओ वाले कालम पर क्लिक किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान को उसके खाते में फसल की पेमेंट जारी होती है। हालांकि दूसरी ओर इस सिस्टम को लेकर आढ़ती, मार्किट कमेटी व फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग के अधिकारी सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने से परेशान हैं। सीधी अदायगी संबंधी आढ़तियों को जानकारी तो है। उसमें किसान का ब्योरा फीड करने में समय जरूर लगता है। फिलहाल किसी को भी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। इसके लिए मार्किट कमेटी के अधिकारियों की मदद ली जाती है।
- हरजीत सिंह शेरू, प्रधान आढ़ती एसोसिएशन नई अनाज मंडी। सीधी अदायगी के पोर्टल संबंधी कर्मचारियों को जानकारी है, अगर कहीं दिक्कत आती है तो अधिकारियों से जानकारी लेकर उसे हल कर लिया जाता है। अगर किसी आढ़ती को पोर्टल में किसान का ब्योरा फीड करने में परेशानी होती है तो उसकी सहायता की जाती है।
- परमपाल सिंह, सेक्रेटरी मार्किट कमेटी तीन दिन हो चुके हैं मंडी में बैठे हुए, फसल की खरीद नहीं हुई
मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान अमरीक सिंह हरपालपुर, सुरजीत सिंह गांव पिलखनी व किसान सविदर सिंह ने कहा कि मंडी में फसल लेकर आए तीन दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। अब तक फसल की खरीद नहीं हुई। उधर, बारदाने की कमी के चलते मंडी में फसल तक रखने के लिए जगह कम हो रही है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत किसानों की समस्या का हल करे।