कोरोना के चलते अब फ्रज के बजाय घड़ों के पानी को तरजीह दे रहे लोग

कोरोना महामारी के कारण लोग फ्रिज के पानी के बजाय मिट्टी के घड़े के पानी को महत्व दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:41 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:41 AM (IST)
कोरोना के चलते अब फ्रज के बजाय घड़ों के पानी को तरजीह दे रहे लोग
कोरोना के चलते अब फ्रज के बजाय घड़ों के पानी को तरजीह दे रहे लोग

संवाद सहयोगी, सुजानपुर: कोरोना महामारी के कारण लोग फ्रिज के पानी के बजाय मिट्टी के घड़े के पानी को महत्व दे रहे हैं। वैसे भी गर्मी के दिनों में मिंट्टी के घड़ों की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण करीब तीन माह पहले ही लोगों ने घड़े खरीदना शुरू कर दिया है। डा. दर्शन त्रिपाठी, पवन महाजन, विजय पाल सच्चर, अशोक कुमार, मोहन लाल आदि ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के मुताबिक फ्रिज का पानी पीने से गला खराब होता है और इसमें कोई भी आसानी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। कोरोना से जहां लोगों ने अपना खान-पान बदला है उसी तरह से लोग मिट्टी के बर्तनों को पहल दे रहे हैं। 150 से 600 रुपये तक कीमत

सुजानपुर में मिट्टी के बर्तन बेचने वाले ताऊ की दुकान के मालिक करनैल सिंह ने बताया कि उनके पास हर तरह के मिट्टी के घड़े हैं, जिसकी कीमत 150 से 600 रूपये तक है। इसके अतिरिक्त उनके पास मटका, सुराही, कढ़ाई, ग्लास व अन्य मिट्टी के बर्तन है। घड़े का पानी पीने से स्वास्थ्य ठीक रहता है

वहीं सोशल वेलफेयर एसोसिएशन सुजानपुर के चेयरमैन रिटायर प्रिसिपल त्रिभुवन सिंह ने कहा कि मिट्टी के घड़ों में तंदुरुस्ती का राज है घड़े का पानी पीने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। हमारे बुजुर्ग भी पहले घड़े का पानी पीते थे, जिसके कारण उनकी लंबी आयु और स्वस्थ ठीक रहता था। इसलिए कोरोना महामारी के चलते डेढ़ वर्ष वर्ष से मिट्टी के घड़ों का पानी पी रहे हैं। रोज करें मिंट्टी के घड़े की सफाई

कम्युनिटी हेल्थ सेंटर सुजानपुर में तैनात मेडिकल आफिसर नोडल अधिकारी डा. आंचल शर्मा ने कहा कि घड़े का पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। लोग इन दिनों मिट्टी का घड़ा का प्रयोग कर सकते हैं। ध्यान रखें कि पानी स्वच्छ व घड़े की सफाई रोजाना की जाए।

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