डीटीएफ ने किया पेंशन बहाली संघर्ष का पूर्ण समर्थन

अध्यापक जत्थेबंदी डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब ने पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष के पूर्ण समर्थन का ऐलान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:51 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:51 PM (IST)
डीटीएफ ने किया पेंशन बहाली संघर्ष का पूर्ण समर्थन
डीटीएफ ने किया पेंशन बहाली संघर्ष का पूर्ण समर्थन

जागरण संवाददाता, पटियाला : अध्यापक जत्थेबंदी डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब ने पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष के पूर्ण समर्थन का ऐलान किया है। जत्थेबंदी के प्रदेश प्रधान दिग्विजय पाल शर्मा और प्रदेश सचिव स्वर्ण सिंह औजला ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को मुलाजिमों का हक करार देते हुए मुलाजिम विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की है। प्रांतीय अध्यापक नेताओं करनैल सिंह, जसविदर सिंह बठिडा, गुरमीत कोटली और बलवीर चंद लोंगोवाल ने स्पष्ट किया कि नई आर्थिक नीतियों के अंतर्गत संघर्ष के साथ हासिल किए हकों को छीना जा रहा है।

नेताओं ने कहा कि सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन की मांग को चुनाव मैनिफैस्टो में शामिल करने के बावजूद अभी तक अमल के रूप में लागू नहीं किया गया। इसके अधीन 1/4/2019 से एनपीएस के सीपीएफ में सरकार का हिस्सा कर्मचारी की प्राथमिक वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि कर्मचारी का हिस्सा 10 प्रतिशत ही है। पहले सरकार के सभी हिस्से को कर्मचारी की कुल टेक्स योग्य आमदन में से घटा दिया जाता था। परंतु नए नोटिफिकेशन के अनुसार केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों का तो सारा 14 प्रतिशत ही टैक्स से छूट है, परंतु पंजाब सरकार के नए तुगलकी फरमान अनुसार सरकार की तरफ से पेंशन फंड में अपने 14 प्रतिशत हिस्से में केवल 10 प्रतिशत ही टैक्स से छूट दी गई है। जबकि बाकी चार प्रतिशत टैक्स योग्य कुल आमदन में जोड़ा जाएगा। यह पुरानी पेंशन स्कीम से वंचित कर्मचारियों के साथ सरासर बेइंसाफी है। अध्यापक नेताओं ने कहा कि राज्य भर से डीटीएफ के नेतृत्व में अध्यापकों के काफिले पेंशन बहाली के 28 फरवरी के संघर्ष में शामिल होंगे।

इस मौके पर चरनजीत कपूरथला, हरदेव मुल्लांपुर, करमजीत तामकोट, सुरिदरजीत सिंह मान, हरजिदर अनूपगढ़, रेशम सिंह, सुखविदर सुखी,अमनदीप, जगवीरन कौर, नवचरनप्रीत कौर, हरविदर बटाला, गगनदीप पाहवा, लखवीर हरीके, तलविदर खरौड़, सनेहदीप पटियाला, मनजिदर चीमा, हरभगवान गुरना, राजदीप संधू, नवनीत अनायतपुरी प्रांतीय नेता भी मौजूद रहे।

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