पीसीएमएस डाक्टरों ने सिविल सर्जन आफिस पर ताला जड़ा, काम रखा ठप
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेस (पीसीएमएस) एंड मेडिकल एंड डेंटल डाक्टरों के एनपीए को 25 से कम करके 20 प्रतिशत करने के विरोध में चल रहे संघर्ष के दौरान आज सीपीएमएस डाक्टरों ने सिविल सर्जन सहित सहायक सिविल सर्जन आफिस पर ताला जड़कर बाहर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेस (पीसीएमएस) एंड मेडिकल एंड डेंटल डाक्टरों के एनपीए को 25 से कम करके 20 प्रतिशत करने के विरोध में चल रहे संघर्ष के दौरान आज सीपीएमएस डाक्टरों ने सिविल सर्जन सहित सहायक सिविल सर्जन आफिस पर ताला जड़कर बाहर प्रदर्शन किया। हालत यह है कि सिविल सर्जन अब अपने कैंप आफिस में आफिस के काम कर रहे हैं जबकि सहायक सिविल सर्जन को भी इधर-उधर बैठकर काम चलाना पड़ रहा है। उक्त दोनों अफसरों के पास आने वाले आम लोग नहीं पहुंच कर पा रहे और बगैर काम के घर लौट रहे हैं।
पीसीएमएस यूनियन पंजाब के सदस्य डाक्टर सुदेश प्रताप सिंह के साथ साथियों ने बताया कि समाना, राजपुरा, नाभा सहित जिले के अन्य डाक्टर प्रदर्शन करने के लिए पटियाला में इकट्ठा होते हैं और वे प्रदर्शन करते हैं। इससे पहले माता कौशल्या अस्पताल की ओपीडी को डाक्टरों ने बंद कर रखा है। बताया जाता है कि माता कौशल्या में रोजाना की एक हजार मरीजों की ओपीडी है और ओपीडी बंद होने के कारण रोजाना करीब एक हजार मरीज खाली हाथ जा रहे हैं।
उधर, मेडिकल कालेज में भी डाक्टरों सहित विद्यार्थियों की हड़ताल जारी है। बुधवार को डाक्टरों ने जहां पूर्ण तौर पर हड़ताल करते हुए कालेज परिसर में प्रदर्शन किया वहीं, सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक ओपीडी बंद रखी। जिसके चलते राजिदरा अस्पताल की ओपीडी में आने वालों मरीज भी परेशान हुए। जनरल आपरेशन व विद्यार्थियों की क्लासें बंद रहीं, लेकिन इमरजेंसी व कोविड से जुड़ी सेवाएं जारी रहीं। डा. डीएस भुल्लर के साथ डा. विजय बोदल ने कहा कि राज्य के सरकारी डाक्टरों का नान प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) 25 प्रतिशत से कम करके 20 प्रतिशत कर दिया है जिसके कारण वे छठे वेतन आयोग के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।