तीस हजार से ज्यादा सफल सर्जरी कर चुके हैं डा. रेखी

राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेट डा. हरनाम सिंह रेखी अब तक अपने करियर में 30 हजार से ज्यादा सफल सर्जरी कर चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 11:59 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 11:59 PM (IST)
तीस हजार से ज्यादा सफल सर्जरी कर चुके हैं डा. रेखी
तीस हजार से ज्यादा सफल सर्जरी कर चुके हैं डा. रेखी

सुरेश कामरा, पटियाला

राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेट डा. हरनाम सिंह रेखी अब तक अपने करियर में 30 हजार से ज्यादा सफल सर्जरी कर चुके हैं। उन्होंने बतौर सुपरिंटेंडेट कोविड-19 की दोनों लहरों का डटकर सामना किया है। 38 साल से इसी फील्ड से जुड़े डा. रेखी इसी कालेज से पढ़ाई करने के बाद अब कालेज के अधीन चल रहे राजिंदरा अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने अपने काम के बारे में विस्तार से बताया। आप कितने समय से इस फील्ड में हैं?

1983 में मेडिकल कालेज पटियाला से एमबीबीएस की। 1989-90 में इंटर्नशिप की और 1991 में पीसीएमएस में चला गया। 10 साल वहां लगाने के बाद 2001-03 में जनरल व पीडिएट्रिक सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन की। उसके बाद सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया। उसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर, फिर एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर काम किया। उसके बाद सर्जरी के यूनिट-4 का जिम्मा मिला और इसी यूनिट को संभाल रहा हूं। अब तक जनरल, बच्चों की व लेपरोस्कोपी की करीब 30 हजार सर्जियां कर चुका हूं। कोरोना की दो लहरों में किस तरह संभाले मरीज?

कोरोना की दोनों लहरों के समय अस्पताल के सीनियर स्टाफ सदस्यों से मिलकर कोरोना के मरीजों को संभाला। इस दौरान कई परेशानियां भी आई जिसमें सफाई सेवकों सहित नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल शामिल रही। फिर भी मरीजों को सुविधाओं सहित सामग्री की कमी पेश नहीं आने दी है। मरीजों का बखूबी तरीके से इलाज किया। आक्सीजन की कमी को कैसे पूरा किया?

जिले में आक्सीजन की कमी नहीं आने दी। अस्पताल में आक्सीजन के प्लांट लगे हुए हैं। छह हजार लीटर आक्सीजन के प्लांट का काम लाइसेंस के कारण बंद हो गया था। उसका लाइसेंस रिन्यू करवाया और उसे चालू किया है। अब सांसद परनीत कौर ने एक हजार लीटर के आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया है। इसलिए अब अस्पताल आक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर है। आने वाले समय में 20 हजार समर्था वाला आक्सीजन का प्लांट लगने वाला है, जिसके बाद अस्पताल के पास सरप्लस आक्सीजन होगी। ब्लैक फंगस के मरीजों को कैसे संभाल रहे हैं?

ब्लैक फंगस के अब तक 36 मरीज आ चुके हैं जिनमें से पांच मरीजों की अस्पताल में सर्जरी की जा चुकी है। खास बात यह है कि यहां पर आने वाले मरीज पंजाब के अन्य सेहत केंद्रों से रेफर होकर आ रहे हैं। अब तक क्या विकास करवाया है?

मल्टीस्टोरी पार्किंग का काम जारी है जो इसी माह पूरा हो जाएगा। इसी इमारत पर सोलर प्लांट लगाया जाएगा। अस्पताल का सीवरेज सिस्टम बहुत पुराना था, इसमें सुधार करवाया। अब ये समस्या दूर हो गई है। नर्सिंग होस्टल की इमारत तैयार हो रही है, बर्न यूनिट व ट्रॉमा सेंटर लगाने को मंजूरी मिल गई है। दर्जा चार मुलाजिमों के क्वार्टर भी बनाए जाएंगे।

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