मंदबुद्धि बच्चों सा व्यवहार कर रहे हैं मेयर

जिला यूथ कांग्रेस पटियाला शहरी के प्रधान संजीव शर्मा कालू वार्ड 10 के पार्षद एडवोकेट सेवक सिंह झिल्ल और वार्ड सात के एडवोकेट भुवेश तिवाड़ी ने कहा कि जनरल हाउस की तरफ से मेयर के पद से सस्पेंड किए गए संजीव शर्मा बिट्टू एक मंदबुद्धि बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 08:28 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 08:28 PM (IST)
मंदबुद्धि बच्चों सा व्यवहार कर रहे हैं मेयर
मंदबुद्धि बच्चों सा व्यवहार कर रहे हैं मेयर

जागरण संवाददाता, पटियाला : जिला यूथ कांग्रेस पटियाला शहरी के प्रधान संजीव शर्मा कालू, वार्ड 10 के पार्षद एडवोकेट सेवक सिंह झिल्ल और वार्ड सात के एडवोकेट भुवेश तिवाड़ी ने कहा कि जनरल हाउस की तरफ से मेयर के पद से सस्पेंड किए गए संजीव शर्मा बिट्टू एक मंदबुद्धि बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं। पहले 25 नवंबर को जनरल हाऊस की मीटिग में वह बच्चों की तरह रोते नजर आए और अब जब उनका केस अदालत में चला गया है तो फिर भी वह ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, जैसे उनको कानून की समझ ही नहीं। बिट्टू पहले सस्पेंड होने के बाद मेयर दफ्तर में जाकर कुर्सी पर बैठ गए, फिर अब 30 नवंबर को और आज एक दिसंबर को फिर इस तरह ज्वाइन करने गए हैं, जैसे वह साल 2018 में मेयर बने थे।

कालू ने कहा कि निगम के 60 सदस्यों के जनरल हाउस में 36 पार्षद उनके खिलाफ हैं और 24 साथ हैं। वह भी कौन से हालातों में साथ रखे गए, उस बारे समूचे शहर को पता है। उन्होंने कहा कि अभी तो हाई कोर्ट ने इस मामले में कोई फैसला नहीं किया। केस की सुनवाई तक नहीं हुई। बेशक वह मेयर के दफ्तर में जाकर कुर्सी पर बैठे गए हैं परंतु उनकी हालत ऐसी हो गई है कि वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। निगम में कोई भी प्रस्ताव पास करने के लिए 31 पार्षदों की जरूरत है। जिसके पास बहुमत ही नहीं, वह मेयर बनकर भी क्या कर लेंगे? मेयर के इस व्यवहार से स्पष्ट है कि उन्हें पटियाला शहर के विकास के बारे कोई चिता नहीं। वह सिर्फ अपनी गाड़ी, कोठी और हर महीने मिलता वेतन कायम रखना चाहते हैं।

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