डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग, रद की गई बोर्ड परीक्षा फीस लौटाई जाए

कोरोना के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी पंजाब सरकार की तरफ से पांचवीं आठवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद कर दीं गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:21 PM (IST)
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग, रद 
की गई बोर्ड परीक्षा फीस लौटाई जाए
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग, रद की गई बोर्ड परीक्षा फीस लौटाई जाए

जागरण संवाददाता, पटियाला : कोरोना के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी पंजाब सरकार की तरफ से पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद कर दीं गई हैं। जिस कारण पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से लाखों विद्यार्थियों से फीसें और जुर्माने के रूप में जमा किए गए करोड़ों रुपये लौटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पिछले साल भी डीटीएफ द्वारा मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजने के बावजूद किसी भी विद्यार्थी को फीस रिफंड नहीं की गई, जबकि कोरोना पाबंदियों के कारण तब की तरह आज भी श्रमिक वर्ग का आर्थिक नुक्सान निरंतर जारी है। जिसके चलते इस साल भी डीटीएफ द्वारा परीक्षा की फीस माफ करने की मांग की जा रही है।

इस दौरान डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेश प्रधान विक्रम देव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार, वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी और प्रदेश समिति सदस्य हरदीप टोडरपुर ने ब्यान जारी करते हुए कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पिछले साल की तरह सेशन 2020-21 में दसवीं क्लास के 3.32 लाख विद्यार्थियों से करीब 36.6 करोड़ रुपये परीक्षा फीस वसूली है। अब जब उनको बिना परीक्षा लिए प्रमोट करके अगली क्लास में भेज दिया गया है, तो वसूली गई परीक्षा फीस और जुर्माने विद्यार्थियों को रिफंड किए जाने चाहिए। जहां कोरोना संकट के कारण आर्थिक मंदहाली की तरफ धकेले जा रहे पेरेंट्स से बच्चों की परीक्षा के लिए वसूली फीस वापस न करके उनसे धोखा किया जा रहा है। वहीं पंजाब सरकार की तरफ से बोर्ड की बकाया ग्रांट ना जारी करने बदले निशाना विद्यार्थी बन रहे हैं।

जिला शिक्षा दफ्तर में मीटिग के बाद जिला प्रधान अतिदरपाल घग्गा, महासचिव अमनदीप देवीगढ़, कुलदीप सिंह गोबिदपुरा और जिला नेता हरविदर रखड़ा ने प्रेस के नाम जारी करते हुए कहा कि फीसें न लौटाने की सूरत में पंजाब सरकार खिलाफ तीखा संघर्ष शुरू किया जाएगा। मौके पर डीटीएफ के जिला नेता राजिदर समाना, राम शरण नाभा, हरिदर सिंह, सतपाल समानवी, गगन रानू, हरविदर बेलूमाजरा, जगपाल सिंह चहल, दविदर सिंह, राजीव कुमार, दविदर पातड़ां, जगतार अताला आदि मौजूद रहे।

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